हैदराबाद स्थित भारत की प्रमुख दवा कंपनी ‘भारत बायोटेक’ ने 3 फरवरी 2016 को जीका वायरस का टीका/वैक्सीन बना लेने की घोषणा की. कंपनी की ओर से भारत बायोटेक की प्रमुख कृष्णा इला ने इसकी घोषणा की.
भारत बायोटेक की उपरोक्त घोषणा को वैश्विक स्तर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा करार दिए गए जीका वायरस के खिलाफ भारत की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है. भारत बायोटेक ने दूसरे देश से जीका वायरस मंगाकर हैदराबाद में इसके दो टीके तैयार किए हैं. अभी किसी जानवर या इंसान पर वैक्सीन का परीक्षण होना बाकी है.
मुख्य तथ्य:
• जीका वायरस से संबंधित बीमारी में बच्चों के मस्तिष्क का पूरा विकास नहीं हो पाता और उनका सिर सामान्य से छोटा रह जाता है.
• विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 23 देशों में यह वायरस फैल चुका है.
• ब्राजील इससे सबसे ज्यादा प्रभावित देश है. वर्ष 2015 से अब तक वहां पर जीका के चलते 3,530 माइक्रोसिफेली ग्रस्त बचों का जन्म हो चुका है.
• विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जनवरी 2016 में इसे वैश्विक आपदा घोषित किया.
विदित हो कि जीका वायरस पर दुनिया के कई देशों में शोध चल रहा है और कई बड़ी कंपनियां अभी अनुसंधान के प्राथमिक स्तर पर है.
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