भारत के परमाणु अनुसंधान में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी– बार्क) की भूमिका

भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) ट्रॉम्बे, मुबंई, महाराष्ट्र में स्थित भारत का प्रमुख परमाणु अनुसंधान सुविधा केंद्र है। बार्क बहुविषयक अनुसंधान केंद्र है। इसमें परमाणु वित्रान, इंजीनियरिंग और उससे संबंधित क्षेत्रों के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करने हेतु उन्नत अनुसंधान और विकास के लिए व्यापक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। "राष्ट्र की सेवा में परमाणु" की भावना के साथ इसकी स्थापना 3 जनवरी 1954 को हुई थी।

Jun 27, 2016, 16:05 IST

भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) ट्रॉम्बे, मुबंई, महाराष्ट्र में स्थित भारत का प्रमुख परमाणु अनुसंधान सुविधा केंद्र है। बार्क बहुविषयक अनुसंधान केंद्र है। इसमें परमाणु वित्रान, इंजीनियरिंग और उससे संबंधित क्षेत्रों के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करने हेतु उन्नत अनुसंधान और विकास के लिए व्यापक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। "राष्ट्र की सेवा में परमाणु" की भावना के साथ इसकी स्थापना 3 जनवरी 1954 को हुई थी। भारत में परमाणु रिएक्टरों पर अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में बार्क ने बहुत अच्छा काम किया है।

बार्क के अनुसंधान रिएक्टर नीचे दिए जा रहे हैं:

I. अप्सरा

II. साइरस

III. ध्रुव

IV. कामिनी

V. पूर्णिमा I

VI. पूर्णिमा II

VII.  पूर्णिमा III

VIII. जरलीना

अप्सरा रिएक्टर

क्र. सं.

आइटम

विवरण

1.

रिएक्टर का प्रकार

स्विमिंग पूल जैसा/ थर्मल रिएक्टर

2.

निर्णायक तारीख  

4 अगस्त 1956

3.

रिएक्टर की क्षमता (Th)

1 मेगावाट (अधिकतम)

4.

ईंधन सामग्री

संवर्धित यूरेनियम, एल्यूमीनियम मिश्र धातु

5.

ईंधन तत्व

प्लेट्स

6.

ईंधन आवरण

एल्यूमीनियम मिश्र धातु

7.

ईंधन का कुल वजन

4.5 किलोग्राम

8.

मूल आकार

560 मिमी X 560 मिमी X 615 मिमी(एच)

9.

मैक्स न्यूट्रॉन प्रवाह

1013n/वर्ग सेमी/ से.

10.

संचालक (Moderator)

लाइट वाटर (Light water)

11.

शीतलक (Coolant)

लाइट वाटर (Light water)

11.

बंद करने वाली छडें (Shut off Rods)

कैडमियम

12.

कहां प्रयोग होता है

 

आइसोटोप के उत्पादन में; बुनियादी अनुसंधान; प्रायोगिक परिक्षणों में; न्यूट्रॉन सक्रियण विश्लेषण; न्यूट्रॉन रेडियोग्राफी; न्यूट्रॉन डिटेक्टर्स के परीक्षण में

नोटः

I. रिएक्टर स्थायी रूप से 2010 में बंद कर दिया गया था।

II. एलईयू ईंधन के साथ उन्नत 2 मेगावाट का रिएक्टर निर्माणाधीन है।


साइरस रिएक्टरः

साइरस रिएक्टर,10 जुलाई 1960 को शुरु किया गया था। इसे डॉ. होमी जाहंगीर भाभा के नेतृत्व में कनाडा के साथ मिल कर बनाया गया था। संघनित पदार्थ के अनुसंधान में इसके मूल से निकलने वाले न्यूट्रॉन बीमों का इस्तेमाल कर इस रिएक्टर का ब़ड़े पैमाने पर प्रयोग किया गया था। सामग्री विकिरण, ईंधन परीक्षण, न्यूट्रॉन सक्रियण विश्लेषण और चिकित्सा, कृषि और उद्योग के क्षेत्र में काम में लाए जाने के लिए रेडियोआइसोटोप्स के उत्पादन के लिए भी इस रिएक्टर का व्यापक इस्तेमाल किया गया था। 50 वर्षों तक सफलतापूर्वक काम करने के बाद, दिसंबर 2010 में इस रिएक्टर को स्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया गया था।

क्र.सं.

आइटम

विवरण

1.

रिएक्टर का प्रकार

सीधे टैंक के जैसा/ थर्मल रिएक्टर

2.

शुरुआत होने की तारीख (Date of Criticality)

10 जुलाई 1960

3.

रिएक्टर की क्षमता (Th)

40 मेगावाट (अधिकतम)

4.

ईंधन सामग्री

प्राकृतिक यूरेनियम धातु

5.

ईंधन तत्व

छड़ें

6.

ईंधन कवर

एल्युमीनियम

7.

ईंधन का कुल वजन

10.5 टी

8.

मूल आकार  

2.67मी (डी) X 3.14 मी(एच)

9.

अधिकतम न्यूट्रॉन प्रवाह

6.5x1013n/वर्ग सेमी/ से.

10.

संचालक (Moderator)

हेवी वाटर (Heavy water)

11

शीतलक (coolant)

लाइट वाटर (Light water)

12.

बंद करने वाली छडें

बोरोन कैडमियम

13.

उपयोग होता है

आइसोटोप के उत्पादन; रिएक्टर तकनीक में अनुसंधान और विकास में; मानवश्रम प्रशिक्षण; न्यूट्रॉन बीम अनुसंधान; न्यूट्रॉन सक्रियण विश्लेषण; ईंधन संयोजनों का विकास एवं परीक्षण; न्यूट्रॉन डिटेक्टरों का परीक्षण

नोटः रिएक्टर को 31.12.2010 को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया था।

ध्रुव रिएक्टरः

1970 की दशक की शुरुआत में रेडियोआइसोटोप्स और मूल विज्ञान में उन्नत अनुसंधान की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अधिक न्यूट्रॉन प्रवाह वाले अनुसंधान रिएक्टर बनाने की आवश्यकता महसूस की गई। इसी आवश्यकता ने बार्क में एक नए अनुसंधान रिएक्टर की स्थापना की नींव डाली। इस रिएक्टर का नाम भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. ज्ञानी जैल सिंह ने ‘ध्रुव’ रखा दिया। ध्रुव का निर्माण भारत में स्वदेशी परमाणु तकनीक के विकास और कार्यान्वयन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। रिएक्टर में व्यापक आधार वाले बहुविषयक उपयोगकर्ता समुदाय की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कई सुविधाएं थीं। साथ ही यह उच्च विशिष्ट गतिविधि वाले रेडियोआइसोटोप का उत्पादन भी करता था।

‘ध्रुव’ को न्यूट्रॉन बीम अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय सुविधा केंद्र घोषित किया गया है जो भारतीय वैज्ञानिक समुदाय की जरूरतों को पूरा करता है। इसमें बार्क, परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) की अन्य ईकाईयां, विश्वविद्यालयों एवं राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक सहयोगी परियोजनाओं के तहत मिल कर काम करते हैं।

कई सहयोगी परियोजनाओं को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग– वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग कंसोर्टियम (यूजीसी– डीएई– सीएसआर), परमाणु वित्रान में अनुसंधान बोर्ड (बीआरएनएस) और अन्य एजेंसियों का समर्थन प्राप्त है। वर्तमान में  यूजीसी– डीएई– सीएसआर योजना के तहत करीब 40 सक्रिए परियोजनाएं चल रही हैं।  

क्र.सं.

आइटम

विवरण

1.

रिएक्टर का प्रकार

सीधे टैंक के जैसा/ थर्मल रिएक्टर

2.

शुरू होने की तारीख  

8 अगस्त 1985

3.

रिएक्टर की क्षमता

100 मेगावाट (अधिकतम)

4.

ईंधन सामग्री

प्राकृतिक यूरेनियम धातु

5.

ईंधन तत्व

कल्स्चर

6.

ईंधन कवर   

एल्युमीनियम

7.

ईंधन का कुल वजन

6.35 टी

8.

मूल आकार

3.72 मी(डी) x 3.87 मी(एच)

9.

अधिकतम न्यूट्रॉन प्रवाह

1.8x1014n/वर्ग सेमी/ से

10.

संचालक     

हेवी वाटर (Heavy water)

11.

शीतलक

हेवी वाटर (Heavy water)

12.

बंद करने वाली छड़े (Shut off Rods)

कैडमियम

कामिनी – रिएक्टर:

क्र.सं.

आइटम

विवरण

1.

रिएक्टर प्रणाली की प्रकृति

सीधे टैंक जैसा/ थर्मल रिएक्टर

2.

शुरू होने की तारीख  

29 अक्टूबर 1996

3.

रिएक्टर की क्षमता (Th)

30 किलोवाट (नाममात्र)

4.

ईंधन सामग्री

U-233-Al मिश्र धातु

5.

ईंधन तत्व

प्लेट्स

6.

ईंधन कवर

एल्युमीनियम

7.

कुल ईंधन इन्वेंटरी

600 ग्रा.

8.

मूल आकार

204मिमी X 204 मिमी X 275 मिमी (एच)

9.

कुल इंधन इन्वेंटरी

600 ग्रा.

10.

अधिकतम न्यूट्रॉन प्रवाह     

~1013n/वर्ग सेमी/ से

11.

संचालक/ शीतलक/ ढाल सामग्री

लाइट वाटर (Light water)

12.

प्रमुख शीतलक मोड

प्राकृतिक संवहन

13.

नियंत्रण तत्व

कैडमियम प्लेट्स

14.

कहां उपयोग होता है उपयोग

न्यूट्रॉन रेडियोग्राफी; डिटेक्टरों की जांच; सामग्री के लक्षण; प्रयोग परिरक्षण; नमूनों पर विकिरण का अध्ययन

पूर्णिमा – I रिएक्टर:

क्र. सं.

आइटम

विवरण

1

रिएक्टर प्रकार  

तेज रिएक्टर (फास्ट रिएक्टर)

2

शुरू होने की तारीख  

18 मई 1972

3

रिएक्टर की क्षमता (Th)

1 ड्ब्लयू (नाममात्र)

4

ईंधन सामग्री

प्लूटोनियम ऑक्साइड

5

ईंधन सामग्री

पेलिट्स (Plates)

6

ईंधन कवर

स्टेनलेस स्टील

7

ईंधन का कुल वजन

21.6 किलोग्राम

8

मूल आकार

180 मिमी (डी) X 180 मिमी (एच)

9

अधिकतम न्यूट्रॉन प्रवाह

~108n/वर्गसेमी/ से

10

संचालक

कोई नहीं

11

शीतलक

हवा

12

बंद करने वाली छड़े

मोलिबेडेनम

13

उपयोग

फास्ट रिएक्टर भौतिकशास्त्र अध्ययनों में

14

बंद किए जाने का वर्ष

1973

Image source: bharatkalyan97.blogspot.com 

अणु शक्तिः भारत में परमाणु ऊर्जाः इसके भावी दृष्टिकोण की प्रस्तावना

भारत की बिजली उत्पादन कार्यक्रम का प्रमुख योगदान आता हैः–

I. कोयला से चलने वाले थर्मल पावर स्टेशन (2012 में 105,437 मेगावाट, कुल बिजली उत्पादन का ~ 55.3%) (www.powermin.nic.in)   
II. पनबिजली उत्पादन (2012 में 38,848 मेगावाट, कुल बिजली उत्पादन का ~ 20.38 %)
III. परमाणु बिजली उत्पादन (4,780 मेगावाट, कुल बिजली उत्पादन का ~2.5%)
IV. गैर– परंपरागत स्रोत (पवन, ज्वार आदि) (22,233 MW, कुल बिजली उत्पादन का ~ 11.6%) 

भारत में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत लगभग 600 किलोवाट/ वर्ष है जो वैश्विक औसत खपत 2430 किलोवाट/ वर्ष से बहुत कम है। 

इसलिए, आने वाले वर्षों में समग्र राष्ट्रीय विकास दर में सुधार के लिए विश्व औसत खपत के आस– पास पहुंचने के लिए बिजली उत्पादन को बहुत बढ़ाना होगा। 

भारत में अनुमानित कोयला भंडार ~ 270 बिलियन टन (विश्व में कोयले के भंडार का ~8%) (संदर्भः Clean Coal Technology: m.Goel, Energy India 2020 pp133) है औऱ भारत में परंपरागत ऊर्जा स्रोतों का वितरण इस प्रकार है– कोयला 69%, पानी 14%, प्राकृतिक गैस 10%, तेल 4%, परमाणु 2% और अक्षय ऊर्जा 1% ( सौर, पवन, जैवईँधन, कचरा आदि)।

Image source: www.armscontrolwonk.com

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Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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