अकबर का इतिहास पूरी तरह से अधूरा होगा यदि हेमू का जिक्र न किया जाये. हेमू अफगान शासक इब्राहीम आदिल शाह का जनरल और प्रधानमंत्री था.
शेरशाह की मृत्यु के बाद अफगान सामराज्य पूरी तरह से चार भागों में बिखर गया.
1- मुहम्मद खान सूरी बंगाल पर शासन किया.
2- अहमद खान सूरी ने सिकंदर शाह सूरी के नाम पर पंजाब पर शासन किया.
3- आदिल शाह सूरी ने आगरा से बिहार तक शासन कार्य किया.
4- दिल्ली और आगरा इब्राहिम शाह सूरी के अनतर्गत शामिल थे.
हेमू जब पूरी तरह से सक्रिय हुआ तब उसने मुहम्मद खान सूरी को पराजित किया. हेमू ने मुग़ल शासक के अगर के जनरल तरदी वेग को भी पराजित किया और वहाँ से वह दिल्ली की तरफ अग्रसर हुआ. उसने दूसरी बार भी दिल्ली में मुग़ल सेना को पराजित किया और हेमचन्द्र विक्रमादित्य की उपाधि धारण की. मुग़ल सेना ने बैरम खान के नेतृत्व में हेमू की खिलाफ पानीपत के मैदान में 1556 ईस्वी में अभियान किया और हेमू पर विजय प्राप्त की. युद्ध के दौरान ही हेमू की आँख में एक तीर लगा और वह मैदान में धरासाई हो गया. अंत में उसे मार डाला गया.
पानीपत की दूसरी लड़ाई का महत्व
पानीपत की दूसरी लड़ाई में मुगलों की शासन प्रक्रिया सुनिश्चित हुई..
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