भारत का प्राचीन इतिहास सभ्यता, संस्कृति और विज्ञान का अद्भुत मिश्रण है। यहां सिंधु घाटी भारत की सबसे प्राचीन सभ्यता मानी जाती है, जिसके प्रमुख स्थल हड़प्पा, मोहनजोदड़ों और लोथल है। समय के साथ विकास का पहिया घूमा और यहां कई सभ्यताओं का विकास हुआ, जिसके बाद यहां महाजनपद बने।
वक्त बीता और विकास की पहिये ने रफ्तार भरी, जिसके बाद आज हमें वर्तमान आधुनिक भारत की तस्वीर देखने को मिलती है। आज भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि भारत का वह जिला कौन-सा है, जो कि दो राज्यों में आता है। इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
भारत में कुल कितने जिले हैं
भारत के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग जिले मौजूद हैं। यहां कुल 797 जिले मौजूद हैं। इनमें से 752 जिले राज्यों में हैं, तो 45 जिले केंद्र शासित प्रदेशों में हैं।
भारत का सबसे बड़ा जिला कौन-सा है
भारत का सबसे बड़ा जिला क्षेत्रफल के आधार पर कच्छ जिला है, जो गुजरात राज्य में स्थित है। कच्छ जिले का कुल क्षेत्रफल लगभग 45,674 वर्ग किलोमीटर है। इस जिले का अधिकांश भाग रेगिस्तानी और अर्ध-शुष्क क्षेत्र है।
यहां का प्रसिद्ध रण क्षेत्र जिसे कच्छ का रण कहा जाता है, जो कि दुनिया के सबसे बड़े नमक के मरुस्थलों में से एक है। साथ ही, कच्छ अपनी अनूठी लोक कला, हस्तशिल्प और सांस्कृतिक त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है। यहां हर साल आयोजित होने वाला रण उत्सव पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है। ऐसे में हर साल यहां बड़ी संख्या में पर्यटकों की भीड़ पहुंचती है।
कौन-सा जिला दो राज्यों में आता है
अब सवाल है कि भारत का कौन-सा जिला दो राज्यों में आता है। आपको बता दें कि चित्रकूट जिला दो राज्यों में आता है। यह एक तरफ उत्तर प्रदेश में है, तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में है। इसके पीछे क्या कारण है, यह हम नीचे समझेंगे।
किस प्रकार दो राज्यों में आता है जिला
अब आपके मन में सवाल होगा कि यह किस प्रकार दो राज्यों में हो सकता है। आपको बता दें कि चित्रकूट जिले की चार तहसील-करवी, मऊ,मानकपुर और राजापुर उत्तर प्रदेश में हैं, जबकि चित्रकूट नगर मध्य प्रदेश के सतना जिले में आता है। इस प्रकार इस जिले को दो राज्यों में माना जाता है।
चित्रकूट जिले का महत्त्व
चित्रकूट जिले का धार्मिक महत्त्व अधिक है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने अपने वनवास के 14 वर्षों में से 11 वर्ष चित्रकूट में बिताए थे। यह स्थान रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण में विस्तार से वर्णित है। कामदगिरि पर्वत यहां भगवान राम के निवास का प्रतीक है।
इसकी परिक्रमा को पुण्यदायी माना जाता है। वहीं, यहां एक गुप्त गोदावरी गुफा है। ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान राम और लक्ष्मण ने समय बिताया था। यहां के प्रमुख स्थलों में हनुमान धारा, भरतकूप, सती अनुसुइया आश्रम है। इसके अतिरिक्त यहां मंदाकिनी नदी बहती है, जिसे पवित्र माना जाता है। तुलसीदास, संत कबीर और संत रैदास जैसे महापुरुषों ने यहां समय बिताया है।
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