लार ग्रंथि क्या है और कितने प्रकार की होती हैं?

Mar 30, 2018, 12:42 IST

लार ग्रंथियां मुखगुहिका में लार को स्रावित और भोजन के पाचन क्रिया में मदद करती हैं. इसमें 98% जल और 2% जल, श्लेष्म (म्यूसिन), एन्जाइम, इलेक्ट्रोलाइट्स, जीवाणुरोधी यौगिक, बलगम, आदि होता है. आइये इस लेख के माध्यम से लार ग्रंथि, उसके प्रकार और कार्य के बारे में अध्ययन करते हैं.

: What are Salivary Glands, Functions and its types?
: What are Salivary Glands, Functions and its types?

लार ग्रंथियां हमारे मुंह में मौजूद एक ऐसा अंग हैं जो लार बनाती है. यह केवल स्तनधारियों में पाई जाती है. यह एक एक्सोक्राइन ग्रंथि है जो शरीर के बाहर या शरीर के गुहा के भीतर पदार्थों को निकालती है. लार में बलगम, लवण, जीवाणुरोधी यौगिक, एंजाइम और पानी के साथ विभिन्न रसायन शामिल होते हैं जो मुंह में पीएच को नियंत्रित करते हैं. क्या आप जानते हैं कि जब हम किसी स्वादिष्ट भोजन को देखते है या सोचते है तो लार की मात्रा बढ़ जाती है? परन्तु जब हम सोते है तो यह घट जाती है. मूल रूप से, लार एक जल पदार्थ है और पाचन तंत्र का एक हिस्सा है. लार ग्रंथियां 24 घंटे में लगभग 1 से 1.5 लीटर तक लार को स्रावित करती हैं. वास्तव में 99% लार में पानी होता है. यह मुंह को नम और स्वच्छ रखता है, चबाने, निगलने और पाचन प्रक्रिया में मदद करता है. आइये इस लेख में लार ग्रंथि क्या होती है, कैसे कार्य करती है, कितने प्रकार की होती है आदि के बारे में अध्ययन करते हैं.
लार ग्रंथि के कार्य
लार, पानी, बलगम, जीवाणुरोधी यौगिकों और पाचन एंजाइम का मिश्रण है. इसलिए, लार के कई उपयोग हैं. पाचन एंजाइम अल्फा अमाइलेज़ हमारे भोजन में मौजूद स्टार्च को ग्लूकोज और माल्टोस जैसे सरल बनाने में मदद करता है. जब भी हम भोजन को चबाते है, हम इन ग्रंथियों को भोजन को तोड़ने के लिए सक्रिय करते हैं. लार में चिकनाई होती हैं. यह हमारे मुंह, दांत और गले की अंदर की गुहा की रक्षा करती है और भोजन को निगलने में मदद करती है. यह खाने के बाद मुंह को साफ करती है और इसे रसायनों में घोलती है जिससे  हमें स्वाद की अनुभूति होती है.
लार ग्रंथि के प्रकार

Types of Major Salivary Glands
Source: www.headandneckcancerguide.org.com
ये हम जानते हैं कि लार एक तरल तथा चिपचिपे श्लेष्म का मिश्रण है. आकार और कार्यात्मक महत्व के अनुसार यह दो प्रकार की होती हैं: लघु या सहायक लार ग्रन्थियाँ और वृहद या प्रमुख लार ग्रन्थियाँ.
1. लघु या सहायक लार ग्रन्थियाँ (Minor Salivary Gland)
ये होठों, कपोलों (गालों), तालु एवं जीभ पर ढँकी श्लेष्मिका में उपस्थित अनेक छोटी–छोटी सीरमी एवं श्लेष्मिका ग्रन्थियाँ होती हैं जो इन सतहों को गीला करती है. क्या आप जानते हैं कि लगभग 800 या 1000 लघु लार ग्रंथियां पूरे मुंह में स्थित हैं? ये लार को सीधे मुंह में स्रावित करती हैं. अर्थात ये श्लेष्मिका कला को नम बनाए रखने के लिए थोड़ी–थोड़ी मात्रा में सीधे ही लार का स्रावण मुखगुहा में सदैव करती रहती हैं.
2. वृहद या प्रमुख लार ग्रन्थियाँ (Major Salivary Gland)
हमारी मुख गुहिका में लार की अधिकांश मात्रा का स्रावण तीन जोड़ी बड़ी लार ग्रन्थियों के द्वारा होता है। ये मुखगुहिका के बाहर स्थित होती हैं और अपनी वाहिकाओं द्वारा स्रावित लार को मुखगुहिका में मुक्त करती हैं। ये ग्रन्थियाँ बहुकोशिकीय तथा पिण्डकीय होती हैं और जबड़े के दोनों किनारों पर सममित रूप से स्थित हैं. ये निम्नलिखित हैं: अधोजिह्वा सबलिंगुअल लार ग्रंथि, अधोहनु या सबमैक्सिलरी या सबमैण्डीबुलर लार ग्रंथि और कर्णमूल या पैरोटिड लार ग्रंथि.

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कर्णमूल या पैरोटिड लार ग्रंथि (Parotid Gland)
पैरोटिड ग्रंथियां सबसे बड़ी लार ग्रंथि हैं. प्रत्येक ग्रंथि लगभग 6 सेमी लम्बी,  3-4 सेमी चौड़ी और 30 ग्राम तक वजनी हो सकती हैं. ये ग्रंथि सिर के दोनों ओर कर्णपल्लव के कुछ नीचे स्थित होती हैं. इनकी वाहिनियाँ ऊपरी कृन्तक दाँतों के पीछे खुलती हैं. हमारे मुखगुहिका में वे लगभग 20% लार को स्रावित करती हैं. इस लार को सीरस (serous) के रूप में भी जाना जाता है यानी  अधिक तरल और द्रव. यह भोजन के पाचन का पहला चरण "चबाने" में मदद करती है जिससे भोजन लार की मदद से एक घोल में परिवर्तित हो जाता है और निगलने में आसानी होती है. साथ ही ये ग्रंथि प्रोटीन युक्त द्रव अल्फा अमाइलस एंजाइम का निलंबन करती है. क्या आपको पता है कि शराब का ज्यादा सेवन सीधे लार ग्रंथि पर असर करता है? क्योंकि शराब या कुछ ड्रग्स का सेवन सहानुभूति तंत्रिका तंत्र (sympathetic nervous system ) को प्रभावित और पेरोटिड ग्रंथि के प्रवाह को कम कर सकता हैं जिससे लार का स्राव कम हो सकता है.
अधोहनु या सबमैक्सिलरी या सबमैण्डीबुलर लार ग्रंथि (Submandibular Gland)
ये ऊपरी व निचले जबड़े के सन्धि स्थल के पास स्थित होती है. प्रत्येक ग्रन्थि की वाहिनी निचले जबड़े के कृन्तक दाँतों के ठीक पीछे खुलती है. यह हमारे जबड़े का चल भाग है. यह दूसरी सबसे बड़ी लार ग्रंथि है और यह लगभग 65-70% लार का उत्पादन करती है. यह सीरस और बलगम ग्रंथि का मिश्रण है और सबमैण्डीबुलर नलिकाओं के माध्यम से स्रावित किया जाता है. पोरोटिड ग्रंथि के स्राव की तुलना में इसकी लार अधिक चिपचिपी होती है.
अधोजिह्वा सबलिंगुअल लार ग्रंथि (Sublingual Gland)
यह प्रमुख लार ग्रंथियों में सबसे छोटी है. इनका एक जोड़ा जीभ के नीचे मुखगुहा के तल पर स्थित होता है. ये कई महीन वाहिनियों के द्वारा जबड़े व जीभ के नीचे खुलती हैं. लार का लगभग 5% इन ग्रंथियों से आता है. लार मुंह में सबलिंगुअल डक्टस की मदद से निकलता है, ये ज्यादातर श्लेष्म और चिपचिपा होता है. कभी-कभी, पत्थर यानी सियालोलिथ (sialoliths), लार संबंधी ग्रंथियों के नलिकाओं में होते हैं जो लार के प्रवाह को अवरुद्ध करते हैं और दर्द का कारण बनते हैं, प्रभावित ग्रंथि में सूजन भी करते हैं. अधिकतर, लारिथरी पत्थर सबमैण्डीबुलर ग्रंथि और कभी-कभी पैरोटिड को भी प्रभावित करते हैं.
इस लेख से हमने अध्ययन किया कि लार ग्रंथि लार को स्रावित करती है जिससे भोजन के पाचन में मदद मिलती है. इसमें 98% जल और 2% जल, श्लेष्म (म्यूसिन) तथा टायलिन एन्जाइम होता है. टायलिन भोजन की मण्ड को शर्करा में परिवर्तित करता है और म्यूसिन लुग्दी को चिकना बनाता है, जिससे भोजन सुगमतापूर्वक ग्रसिका की क्रमाकुंचन गति के द्वारा आमाशय में पहुँच जाता है.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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