Independence Day 2021: जानें ‘जन गण मन’ भारत का राष्ट्रगान कब और क्यों बना

Independence Day 2021: रविन्द्रनाथ टैगोर ने भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ बंगाली भाषा में लिखा था. 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा द्वारा ‘जन गण मन’  के हिन्दी संस्करण को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया. आइये जानते हैं कि सर्वप्रथम राष्ट्रगान कब गाया गया था और इसको गाने के पीछे क्या कारण था.

Aug 12, 2021, 17:36 IST
When and why National Anthem first sung in India
When and why National Anthem first sung in India

Independence Day 2021: 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश उपनिवेशवाद से स्वतंत्र घोषित किया गया था, और नियंत्रण की बागडोर देश के नेताओं को सौंप दी गई थी. भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करना नियति के साथ एक प्रयास था, क्योंकि स्वतंत्रता के लिए संघर्ष एक लंबा था, जिसमें कई स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को देखा गया, जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगा दी.

भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ है. क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रगान क्या होता है? ये एक ऐसा गाना है जो किसी भी देश के इतिहास और परंपरा को दर्शाता है. ये देश को एक अलग पहचान के साथ सभी देशवासियों को एकजुट भी करता है. हम आपको बता दें कि जब तक सरकार उस गाने को स्वीकार कर बतौर अधिनियम पारित नहीं करती, तब तक वह गाना राष्ट्रगान के रूप में पूरे देश में लागू नहीं किया जा सकता. 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा द्वारा‘जन गण मन’ के हिन्दी संस्करण को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया था.

‘जन गण मन’ राष्ट्रगान को रविन्द्रनाथ टैगोर ने बंगाली भाषा में लिखा था. राष्ट्रगान के गायन की अवधि 52 सेकेण्ड है, परन्तु कुछ अवसरों पर इसको संक्षिप्त में भी गाया जाता है, जिसमें केवल 20 सेकेण्ड ही लगते हैं क्योंकि उस समय राष्ट्रगान की पहली और अंतिम पंक्तियों को ही गाया जाता है.

गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रा दिवस के अवसर पर देश के सभी स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालयों में एवं अब तो सिनेमाघरों में भी फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाता है. आइये इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि सर्वप्रथम राष्ट्रगान कब गाया गया था और इसको गाने के पीछे क्या कारण था.

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‘जन गण मन’ कब गाया गया था
क्या आप जानते है कि सन 1911 तक भारत की राजधानी बंगाल हुआ करती थी. 1905 में जब बंगाल विभाजन हुआ तो आम जनता एवं आंदोलनकारी बंग-भंग आंदोलन का विरोध करने लगे, तब अंग्रेजो ने कलकत्ता के बदले दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया. धीरे-धीरे भारतीयों के दिलों में स्वतंत्रता की भावना जागृत होने लगी थी और तभी कलकत्ता के एक कोने में एक गीत "जन गण मन अधिनायक जय हे" का जन्म हुआ जिसे तत्कालीन कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने बंगाली में एक कविता के रूप में लिखा था.

Who wrote National Anthem
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इस गीत को पहली बार 27 दिसंबर, 1911 को कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वार्षिक सम्मेलन के दूसरे दिन गाया गया था. टैगोर की भतीजी, सरला देवी चौधरानी ने कुछ स्कूली छात्रों के साथ इस गीत को अपनी आवाज़ दी थी और कांग्रेस अध्यक्ष बिशन नारायण दर, भूपेन्द्र नाथ बोस, अम्बिका चरण मजूमदार जैसे अन्य नेताओं के सामने गाया था.

‘जन गण मन’ राष्ट्रगान बनाने के पीछे क्या कारण था?
जब 1911 में कलकत्ता से दिल्ली को राजधानी के रूप में स्थानांतरित किया गया तब दिल्ली दरबार का आयोजन हुआ था, जिसमें इंग्लैंड के राजा जॉर्ज पंचम को आमंत्रित किया गया था. ऐसा कहा जाता है कि रवीन्द्रनाथ टैगोर को उनके स्वागत में एक गीत लिखने को कहा गया था. उस समय टैगोर परिवार के कई लोग ईस्ट इंडिया कंपनी में काम किया करते थे. इसलिए रवीन्द्रनाथ टैगोर से जब गीत लिखने को कहा तो उन्होंने बंगाली भाषा में‘जन गण मन’को एक कविता के रूप में लिखा था.
राष्ट्रगान के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- आज हम राष्ट्रगान को जिस लय में गाते हैं, उसे आंध्र प्रदेश के एक छोटे-से जिले मदनपिल्लै में संगीतबद्ध किया गया था.

- मशहूर कवि जेम्स कज़िन की पत्नी मारग्रेट जो कि बेसेंट थियोसोफिकल कॉलेज की प्रधानाचार्य थीं, ने अंग्रेजी में इसका अनुवाद किया था.

- राष्ट्रगान का संस्कृतनिष्ठ बांग्ला से हिंदी में अनुवाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने करवाया था. कैप्टन आबिद अली ने इसका हिन्दी में अनुवाद किया था और कैप्टन राम सिंह ने इसे संगीतबद्ध किया था.

- क्या आप जानते है कि 1911 में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने पांच पदों वाली एक कविता की रचना की थी और उसी कविता के पहले पद को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया था.

- कानूनी तौर पर किसी भी व्यक्ति को राष्ट्रगान गाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है.

- Prevention of Insults to National Honour Act, 1971 की धारा-3 के तहत राष्ट्रगान के नियमों का पालन नहीं करने पर और इसका अपमान करने पर कड़ी कार्रवाई की जाती है.

- ‘आमार सोनार बांग्ला’ जो कि बांग्लादेश का राष्ट्रगान है, रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ही लिखा था और दुनिया के पहले ऐसे कवी बने जिन्होंने दो देशों का राष्ट्रगान लिखा.

- ‘हेत विलहेलमस’ दुनिया का सबसे पुराना डच का राष्ट्रगान है, जिसे 1574 में लिखा गया था.

उपरोक्त लेख से ज्ञात होता है कि भारत का राष्ट्रगान रविन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था और 1911 में इसे पहली बार कलकत्ता में कांग्रेस के वार्षिक सम्मेलन में गाया गया था. इसको बनाने के पीछे क्या कारण था और कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती हैं.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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FAQs

  • ‘आमार सोनार बांग्ला’ जो कि बांग्लादेश का राष्ट्रगान है, किसके द्वारा लिखा गया है?
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    ‘आमार सोनार बांग्ला’ जो कि बांग्लादेश का राष्ट्रगान है, रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया.
  • 'जन गण मन’ राष्ट्रगान को बंगाली भाषा में किसने लिखा था?
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    ‘जन गण मन’ राष्ट्रगान को रविन्द्रनाथ टैगोर ने बंगाली भाषा में लिखा था.
  • संविधान सभा द्वारा ‘जन गण मन’ के हिन्दी संस्करण को राष्ट्रगान के रूप में कब अपनाया गया था?
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    24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा द्वारा ‘जन गण मन’ के हिन्दी संस्करण को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया था.

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