भारत में पीली क्रांति और गोल क्रांति

Jan 23, 2017, 15:39 IST

खाद्य तेलों तथा तिलहन फसलों के उत्पादन हेतु अनुसन्धान एवं विकास की रणनीति को पीली क्रांति के नाम से जाना जाता है | तिलहन उत्पादन में आत्म निर्भरता प्राप्त करने की दृष्टि से उत्पादन, प्रसंस्करण और प्रबंध प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग करने के उद्येश्य से तिलहन प्रौद्योगिकी मिशन 1986 से आरंभ किया गया था|

खाद्य तेलों तथा तिलहन फसलों के उत्पादन हेतु अनुसन्धान एवं विकास की रणनीति को पीली क्रांति के नाम से जाना जाता है | तिलहन उत्पादन में आत्म निर्भरता प्राप्त करने की दृष्टि से उत्पादन, प्रसंस्करण और प्रबंध प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग करने के उद्येश्य से तिलहन प्रौद्योगिकी मिशन 1986 से आरंभ किया गया था|

तिलहन में मुख्य रूप से 9 फसलों को शामिल किया जाता है जिनके नाम हैं; मूंगफली, अरंडी, तिल, रामतिल, राई और सरसों, अलसी ,कुसुम, सूरजमुखी और सोयाबीन| सन 2003-04 में इन सभी फसलों के द्वारा कुल तिलहन उत्पादन 252 लाख टन था जो कि 2013-14  में अपने सर्वोच्च स्तर 328 लाख टन (32.8 मिलियन टन) के स्तर पर पहुंचा था 2014-15 में यह 275 लाख टन के स्तर तक गिर गया| सन 2015-16  में इसको 330 लाख टन तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है |

तिलहन उत्पादन के आंकड़े बताते हैं कि 2013-14 में सबसे अधिक योगदान सोयाबीन (118 लाख टन)  का है, इसके बाद मूंगफली (97 लाख टन) और तीसरा सबसे बड़ा योगदन राई और सरसों (79 लाख टन) का है|

(भारत में तिलहन का क्षेत्रीय उपभोग विविरण इस प्रकार है)

region wise consumption of oilseed in india

image source:The Indian Express

विश्व में तिलहन के सबसे बड़े उत्पादक देशों में 3 देशों,चीन, पाकिस्तान और इथियोपिया का स्थान आता है जबकि भारत का स्थान छठवां है|

1986 में शुरू किये गए मिशन के अधीन 23 राज्यों के 337 जिले शामिल हैं | इस सफल प्रयास के बाद ही हमारा देश खाद्य तेलों और तिलहन उत्पादन में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर पाया है |

भारत में हरित क्रांति

भारत में गोल क्रांति (Round Revolution in India):-

गोल क्रांति का सम्बन्ध आलू के उत्पादन से है | भारत में आलू 16 वीं सदी में पुर्तगाल से लाया गया था और इसके विकास के लिए केन्द्रीय आलू अनुसन्धान संस्थान, शिमला की स्थापना की गई |

round revolution

image source:Polka Cafe

भारत में आलू उत्पादन से सम्बंधित आंकड़े इस प्रकार है:-

1. इस संस्था के प्रयासों के परिणाम स्वरुप गत 50 वर्षों में आलू की खेती के क्षेत्रफल में 5.1 गुनी तथा उत्पादन में 13.5 गुनी बृद्धि हो गई है|

2. भारत में आलू की औसत उपज 25 टन प्रति हेक्टेयर है |

3. देश में आलू उत्पादन में शीर्ष राज्य इस प्रकार हैं: उत्तर प्रदेश (32.5%), पश्चिम बंगाल (25.8%), बिहार (14%) |

4. केन्द्रीय आलू अनुसन्धान संस्थान, शिमला द्वारा विकसित आलू की प्रसिद्द किस्मों के नाम हैं : कुफरी चंदमुखी, कुफरी ज्योति, कुफरी लवकर, कुफरी लालिमा, कुफरी बादशाह, कुफरी स्वर्ण और कुफरी चिप्सोना-1और कुफरी चिप्सोना-21|

5. भारत, चीन के बाद विश्व का दूसरा सर्वाधिक आलू उत्पादक राष्ट्र है; तीसरे स्थान पर अमेरिका और चौथे पर रूस है (2012)|

भारत में श्वेत क्रांति

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News