केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा हाल ही में 10 देशी न्यूक्लियर रिएक्टरों की स्थापना को मंजूरी देने के बाद 33000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन होगा. दस न्यूक्लियर रिएक्टरों की स्थापना के बाद प्रत्येक रिएक्टर से 700 मेगावॉट अतिरिक्त ऊर्जा का उत्पादन होगा जिससे भारत के न्यूक्लियर उद्योग को अपेक्षित लाभ मिलेगा.
हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 10 न्यूक्लियर रिएक्टर स्थापित किये जाएंगे. यह परियोजना भारतीय जनता पार्टी सरकार के फ्लैगशिप मॉडल मेक इन इंडिया योजना में से एक होगी. लगभग 75,000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ इस न्यूक्लियर रिएक्टर और संबद्ध क्षेत्रों में करीब 33000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे.
इस उद्योग में इंजीनियर, तकनीशियन, रिएक्टर ऑपरेटर, इंस्ट्रुमेंटेशन और कंट्रोल तकनीशियन, मैकेनिकल तकनीशियन शामिल हैं. इसलिए इन 10 न्यूक्लियर रिएक्टरों की स्थापना से आने वाले वर्षों में इंजीनियरिंग, कला, वाणिज्य और अन्य युवा स्नातकों के लिए नौकरियों का सृजन होगा.
यह भी आश्वासन दिया जाता है कि इससे 7,000 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता बढ़ेगी जो स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में मदद करेगी. वर्तमान स्थिति थोड़ी अलग है. हालांकि भारत में 22 न्यूक्लियर प्लांट्स से अभी 6,780 मेगावाट न्यूक्लियर ऊर्जा उत्पन्न होती है. तमिलनाडु, राजस्थान और गुजरात राज्य में वर्तमान में चल रही परियोजनाओं को पूरा कर लिया गया है जबकि वर्ष 2021-22 तक अतिरिक्त 6,700 मेगावाट न्यूक्लियर ऊर्जा क्षमता बढ़ाई जायेगी.
इस निर्णय से कोयला और पेट्रोलियम के बहुत अधिक उपयोग के बजाय स्वच्छ ऊर्जा साधनों के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा. यह इस मिशन की निम्न कार्बन विकास रणनीति का एक हिस्सा है जिससे ऊर्जा के गैर-नवीकरणीय स्रोतों पर निर्भरता कम होगी.
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