अलग अलग क्षेत्रों में जॉब्स आप्शन की जानकारियों के सिलसिले में आज हम आपको जानकारी देंगे लैब टेक्नीशियन या लेबोरेटरी टेक्नीशियन के जॉब्स के बारे में. तो आइए हम जानते हैं कि लैब टेक्नीशियन या लेबोरेटरी टेक्नीशियन बनने के लिए क्या है योग्यता, चयन प्रक्रिया, सैलरी और कहाँ मिलेगी नौकरी. इस क्रम में सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि लैब टेक्नीशियन या लेबोरेटरी टेक्नीशियन कहते किसे हैं और इनका काम क्या होता है.
लैब टेक्नीशियन
जब भी आप लोग किसी डॉक्टर के पास किसी बीमारी के इलाज़ या अन्य चिकित्सकीय परीक्षण के लिए जाते हैं और डॉक्टर आपको ब्लड या कोई अन्य टेस्ट सजेस्ट करता है तो वह ब्लड जाँच के लिए लैब टेक्नीशियन के पास ही भेजा जाता है. एक लैब टेक्नीशियन इन ब्लड, बॉडी फ्लुइड्स, टिश्यू शेल्स तथा अन्य सबस्टान्सेस को कई जटिल एनालिसिस के बाद टेस्ट कर इनकी एब्नार्मलिटी को डेटरमाईन करता है एवं इसके बाद ही आपकी बीमारी का सही-सही पता चल पाता है.
एक लैब तकनीशियन का काम बॉडी फ्लुइड्स, टिश्यू शेल्स तथा अन्य सबस्टान्सेस को कलेक्ट करना तथा उसे एक्सामिन और टेस्ट करना होता है. लैब टेक्नीशियन अपनी ड्यूटी को आमतौर पर लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट या लेबोरेटरी मैनेजर की देख-रेख में अंजाम देते हैं. लैब टेक्नीशियन का काम हॉस्पिटल, मेडिकल लेबोरेटरी, फिजिशियन ऑफिस, केंद्र व राज्य सरकार के हेल्थ रिलेटेड प्रोजेक्ट्स, इत्यादि जगहों पर हुआ करता है. एक लैब टेक्नीशियन का काम बहुत रिस्की हुआ करता है कारण कि कई बार इन्हें टॉक्सिक मटेरियलों के साथ काम करना पड़ता है जिसमें इन्फेक्शन होने का भी खतरा रहता है.
लैब टेक्नीशियन बनने के लिए आवश्यक योग्यता
लैब टेक्नीशियन बनने के लिए सबसे पहले आपके पास संबंधित विषय में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट का होना आवश्यक है. क्योंकि लैब टेक्नीशियन बनने के लिए न्यूनतम योग्यता संबंधित विषय में डिप्लोमा है जो किसी टेक्नीकल स्कूल या कम्युनिटी कॉलेज से दो साल के कोर्स के बाद प्राप्त किया जा सकता है. बायोलॉजी, हेमैटोलॉजी, इत्यादि या सबंधित विषयों में डिग्री रखने वाले छात्र संबंधित टेस्ट स्पेशियलाइजेशन में एक वर्षीय प्रोग्राम/डिप्लोमा करके भी लैब टेक्नीशियन बन सकते हैं.
कई राज्यों में लैब टेक्नीशियन की प्रैक्टिस करने के लिए लाईसेंस लेना अनिवार्य होता है जिसके तहत कैंडिडेट्स को स्किल टेस्ट की एक परीक्षा या टेस्ट उत्तीर्ण करना आवश्यक होता है. परीक्षा के नियम अलग-अलग स्थानों के हिसाब से भिन्न हो सकते हैं. पर इन लाईसेंस को प्राप्त करने के बाद कैंडिडेट के रोजगार की सम्भावना काफी बढ़ जाती है साथ हीं सैलरी की मात्रा भी इस लाईसेंस से बढ़ने की पूरी गारन्टी होती है.
लैब टेक्नीशियन को मिलने वाली सैलरी
सैलरी की बात की जाए तो लैब टेक्नीशियन के अलग-अलग पदों के हिसाब से अलग-अलग संस्थानों में इनकी सैलरी में भिन्नता हुआ करती है. अनुभव के आधार पर आप इस नौकरी में 15 हजार से लेकर 50 हजार प्रति माह तक सैलरी प्राप्त कर सकते हैं.
लैब टेक्नीशियन पद के लिए चयन प्रक्रिया
विभिन्न संस्थानों द्वारा अक्सर हीं लैब टेक्नीशियन के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं. जिसके लिए मुख्य रूप से कैंडिडेट की पात्रता किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से विज्ञान में 12वीं के अलावा मेडिकल लैब टेक्नोलोजी में डिप्लोमा (डीएमएलटी) अनिवार्य रूप से माँगा जाता है.
कैंडिडेट्स का चयन आमतौर पर शैक्षणिक तथा तकनीक योग्यता एवं संस्थानों के निजी पात्रता मानदंडों के हिसाब से किया जाता है.
कहाँ मिलेगी लैब टेक्नीशियन की नौकरी
जितने भी लैब टेक्नीशियन होते हैं उनमें से आधे हॉस्पिटल में काम करते हैं और बाकि आधे फिजिशियन और डेंटिस्ट के ऑफिस, स्पेशलाइज्ड मेडिकल या डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी और स्टेट या फेडरल एजेंसी में काम करते हैं. यानि हॉस्पिटल्स में लैब टेक्नीशियन की जरुरत सबसे ज्यादा हुआ करती है. बतौर एक लैब टेक्नीशियन हॉस्पिटल, मेडिकल लेबोरेटरी, फिजिशियन ऑफिस, यूनिवर्सिटी लैब इत्यादि जगहों पर जॉब हासिल किया जा सकता है.
लैब टेक्नीशियन जॉब्स की कार्यशैली
एक लैब टेक्नीशियन के वर्क्स ऑवर में काफी फ्लेक्सिबिलिटी देखने को मिलती है क्योंकि बहुत सारी फैसिलिटीज़ में लैब टेक्नीशियन की ज़रूरत चौबीसों घंटे रहा करती है. ये चौबीस घंटे नार्मल वोर्किंग ऑवर, शाम, रात, वीक एंड और छुट्टियों के दिन भी हो सकते हैं. ब्यूरो ऑफ़ लेबर के स्टेटिस्टिक्स के अनुसार 2024 तक लेबोरटरी टेक्नीशियन के जॉब में 18 % का ग्रोथ देखने को मिलेगा.
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