IAS Success Story: UPSC की ओर से हाल ही में सिविल सेवाओं के नतीजे जारी किए गए हैं, जिसमें इशिता किशोर ने पहली रैंक के साथ देशभर में टॉप किया। देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में शामिल सिविल सेवा के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में आती है। यही वजह है कि युवा इस परीक्षा की लंबे समय तक तैयारी करते हैं। हालांकि, इसके बाद भी इसमें सफलता सुनिश्चित नहीं होती है। क्योंकि, इस परीक्षा का प्रारूप अलग है। तीन चरणों में आयोजित होने वाली इस परीक्षा के लिए एक लंबे सिलेबस के अध्ययन के साथ रिविजन भी जरूरी होता है। दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ी इशिता ने असफलताओं की सीढ़ियां चढ़कर सफलता की नई कहानी को लिखा है। इस लेख के माध्यम से हम आपको पूरे देश में टॉप करने वाली इशिता किशोर की कहानी व उनकी स्ट्रेटेजी के बारे में बताएंगे।
इशिता किशोर का परिचय
इशिता किशोर मूलरूप से उत्तरप्रदेश की रहने वाली हैं। हालांकि, उनकी पढ़ाई दिल्ली से ही पूरी हुई। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित कॉलेज श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अर्थशास्त्र में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उनके पिता भारतीय वायु सेना में अधिकारी हैं, जबकि माता शिक्षिका हैं। वहीं, परिवार में बड़ा भाई पेशे से वकील है।
पढ़ाई के बाद लगी नौकरी
दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी होने के बाद इशिता किशोर की नौकरी लग गई थी। उन्होंने एक मल्टीनेशनल कंपनी Ernst & Young के लिए काम किया। हालांकि, इस दौरान वह सिविल सेवाओं के लिए भी पढ़ती रही।
दो बार प्रीलिम्स की परीक्षा में हुई फेल
इशिता ने नौकरी के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा दी। इस दौरान उन्होंने अपना पहला प्रयास किया और वह पहले प्रयास में प्रीलिम्स की परीक्षा को भी पास नहीं कर सकी। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से खुद को तैयार किया और वह दूसरे प्रयास की तैयारी में लग गई, लेकिन इस बार भी वह प्रीलिम्स की परीक्षा को पास नहीं कर सकी।
2019 में छोड़ी नौकरी
इशिता किशोर ने तय कर लिया था कि वह सिविल सेवाओं को क्रैक कर देश की सेवा करेंगी। इसके लिए उन्होंने पूरा समय तैयारी में देने का निर्णय लिया और साल 2019 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया। नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने 8 से 9 घंटों तक सिविल सेवाओं की तैयारी की।
तीसरे प्रयास में मिली सफलता
इशिता ने पूरी तैयारी के साथ अपना तीसरा प्रयास किया और इस बार उन्होंने प्रीलिम्स की परीक्षा को पास कर लिया, जिससे उन्हें हिम्मत मिली और उन्होंने मेंस के लिए अपनी तैयारी और तेज कर दी। उन्होंने राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंधों जैसे विषयों को अपना वैकल्पिक विषय बनाया और तैयारी करती रही। इशिता ने मेंस की परीक्षा पास की और इंटरव्यू दिया, हालांकि जब परिणाम घोषित हुआ, तो उन्होंने न सिर्फ इस परीक्षा को पास किया, बल्कि पहली रैंक हासिल करते हुए पूरे देश में टॉप किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश कैडर चुना है, जहां रहकर वह महिला सशक्तिकरण के लिए काम करेंगी।
क्या अपनाई रणनीति
इशिता के मुताबिक, इस परीक्षा को पास करने के लिए कड़ी मेहनत ही विकल्प है। वह पूरे सप्ताह को मिलाकर 40 से 45 घंटे पढ़ा करती थी। यदि इस परीक्षा में पास होना है, तो कड़ी मेहनत करनी होगी। इसके साथ ही प्रतिदिन की तैयारी बहुत महत्वपूर्ण है। तैयारी करने के दौरान समय-समय पर अपनी तैयारी का आकलन करना भी बहुत जरूरी है।
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