रिहैबिलिटेशन वर्कर या पुनर्वास कार्यकर्ता का पद केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभागों के तहत चलाये जा रहे अस्पतालों, जिला विकलांग एवं पुनर्वास केंद्रों, भारतीय पुनर्वास परिषद, स्वास्थ्य संबंधी सरकारी परियोजनाओं (जैसे- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आदि), सेनाओं और अर्धसैनिक बलों के चिकित्सा केंद्रों, खेल प्राधिकरणों, रेलवे, आदि में होता है. स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी संगठन में रिहैबिलिटेशन वर्कर का पद पुनर्वास विभाग (शारीरिक एवं मानसिक) में ग्रुप ‘सी’ के स्तर का होता है. रिहैबिलिटेशन वर्कर का कार्य होता है कि वह अस्पताल या स्वास्थ्य कार्यक्रम या परियोजना के अनुरुप संबंधित फिजिशियन (डॉक्टर) के निर्देशों के अनुरूप शारीरिक या मानसिक रूप से दिव्यांग मरीजों की विभिन्न पुनर्वास तकनीकों एवं निर्देशों के अनुसार उपचार उपलब्ध कराये, उन्हें आवश्यक जांच एवं परीक्षणों के लिए ले जाए और उनके स्वास्थ्य की देखभाल करे. रिहैबिलिटेशन वर्कर बनने के लिए आवश्यक स्किल्स में से जरूरी है कि आपको संबंधित स्पेशियलाइजेशन (शारीरिक या मानसिक) के अनुसार उपचार एवं देखभाल की जानकारी हो और रोगों के अनुरूप आवश्यक तकनीकों व उपकरण के इस्तेमाल की आदि में निपुणता हो.
रिहैबिलिटेशन वर्कर के लिए कितनी होनी चाहिए योग्यता?
रिहैबिलिटेशन वर्कर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से विज्ञान विषयों (फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं बॉयोलॉजी या गणित) के साथ 12वीं उत्तीर्ण होना चाहिए. इसके साथ ही, उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से मल्टी रिहैबिलिटेशन वर्कर 1.5 वर्ष का सर्टिफिकेट कोर्स किया हुआ होना चाहिए. इसके अतिरिक्त उम्मीदवारों को भारतीय पुनर्वास परिषद अधिनियम, 1992 के अधीन पंजीकृत होना चाहिए.
रिहैबिलिटेशन वर्कर के लिए कितनी है आयु सीमा?
रिहैबिलिटेशन वर्कर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार की आयु 18 वर्ष से 30 वर्ष के बीच हो. हालांकि, कुछ संस्थानों में पूर्व कार्य-अनुभव के साथ अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष होती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है.
रिहैबिलिटेशन वर्कर के लिए चयन प्रक्रिया
रिहैबिलिटेशन वर्कर के पद पर उम्मीदवारों का चयन आमतौर पर शैक्षणिक रिकॉर्ड और इंटरव्यू के आधार पर किया जाता है. हालांकि, रिक्तियों के अनुरूप यदि अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं तो संबंधित संस्थान उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग के लिए लिखित परीक्षा का भी आयोजन कर सकता है.
कितनी मिलती है रिहैबिलिटेशन वर्कर को सैलरी?
रिहैबिलिटेशन वर्कर के पद पर छठें वेतन आयोग के पे-बैंड-1 के अनुरूप रु. 5200-20,200 + ग्रेड पे रु. 1800/- के अनुसार सैलरी दी जाती है. यदि रिहैबिलिटेशन वर्कर के पद पर संविदा के आधार पर भर्ती की जाती है तो रु. 12000-20000 (योग्यता के अनुसार) प्रति माह तक वेतन दिया जाता है. वहीं, राज्य सरकारों के विभागों एवं संस्थानों में वेतनमान संबंधित राज्य के समकक्ष स्तर पर निर्धारित वेतनमान के अनुसार दिया जाता है जो कि राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है.
रिहैबिलिटेशन वर्कर को कहां मिलेगी सरकारी नौकरी?
रिहैबिलिटेशन वर्कर का पद विभिन्न सरकारों के स्वास्थ्य विभागों के तहत चलाये जा रहे अस्पतालों, जिला विकलांग एवं पुनर्वास केंद्रों, भारतीय पुनर्वास परिषद, स्वास्थ्य संबंधी सरकारी परियोजनाओं (जैसे- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आदि), सेनाओं और अर्धसैनिक बलों के चिकित्सा केंद्रों, खेल प्राधिकरणों, रेलवे, आदि में होने के कारण रिक्तियां समय-समय पर इन्हीं संस्थानों में समय-समय पर निकलती रहती हैं. इन सभी रिक्तियों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.
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