साइंस के छात्रों से सम्बंधित कुछ विशेष बातें

Oct 24, 2017, 12:25 IST

विज्ञान विषय को चुनना भारत में गर्व का विषय माना जाता है और इस सब्जेक्ट को चुनने वाले छात्रों से अधिक अपेक्षाएं भी रखी जाती है.

Things only a science student will relate to!
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विज्ञान विषय को चुनना भारत में गर्व का विषय माना जाता है और इस सब्जेक्ट को चुनने वाले छात्रों से अधिक अपेक्षाएं भी रखी जाती है. आम तौर पर माता पिता इसे एक सुरक्षित स्ट्रीम मानते हैं क्योंकि यह एक अच्छे भुगतान वाली नौकरी की गारंटी भी देता है. लेकिन कभी कभी छात्र की रूचि नहीं होने पर भी अभिभावक जबरन इस विषय को लेने के लिए अपने बच्चे को मजबूर करते हैं, जो बिलकुल सही नहीं है तथा उसका दूरगामी परिणाम कभी भी सुखद नहीं होता है. इसमें कोई शक नहीं कि साइंस एक अच्छा सब्जेक्ट है लेकिन उन छात्रों के लिए जिसकी इनमें रूचि हो तथा इसे पढ़ने में उन्हें मजा आता हो. बहरहाल हम साइंस के छात्रों से जुड़े कुछ विशेष बातों का जिक्र यहाँ कर रहे हैं -

बोर्ड में 85 प्रतिशत से अधिक लाने पर ही साइंस सब्जेक्ट के साथ कॉलेज में दाखिला

यह बात तो सबको मालूम है कि साइंस को स्टूडेंट्स के इंटेलिजेंस से जोड़कर देखा जाता है तथा इसमें अधिक नंबर लाने पर ही अच्छे कॉलेज में दाखिला मिलना संभव हो पाता है. स्टूडेंट्स पर टीचर और माता पिता द्वारा जोर दिया जाता है कि इंजीनियरिंग और डॉक्टरी की ही पढ़ाई करे, अगर यह संभव नहीं है तो साइंस से जुड़े ही किसी स्ट्रीम का चयन करे. कभी कभी ऐसा भी होता है कि स्टूडेंट्स की इच्छा नहीं होने पर वे इसे आगे चलकर हायर एजुकेशन के तहत बदलने की सीख देते हैं.

डॉक्टर या इंजीनियर ? अल्टीमेट करियर ऑप्शन्स

एक बहुत आम धारणा है कि साइंस लेने वाले छात्र या तो इंजीनियर बनेंगे या फिर डॉक्टर. कभी कभी यह बड़ी कष्टप्रद होता है. ये दोनों तो पारंपरिक करियर विकल्प हैं. इसके अतिरिक्त भी साइंस स्टूडेंट्स के लिए कई अन्य करियर विकल्प मौजूद हैं. यदि आप किसी अन्य क्षेत्र में रूचि रखते हैं, तो इन आम धारणाओं से ऊपर उठिए तथा अपनी इच्छा के अनुसार करियर का विकल्प तलाशें. 

स्कूल का साइंस कॉलेज के साइंस से आसान होता है

स्कूल में पढाए जाने वाले साइंस की तुलना में कॉलेज में पढ़ाया जाने वाला साइंस बहुत कठिन होता है. अब साइंस को समझने के लिए अलग अलग तरीके के ट्रिक्स को जानने की आवश्यक्ता होती है. दिनों दिन इस विषय का दबाव बढ़ता चला जाता है. यदि आप इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने का निर्णय लेते हैं, तो आपको कठिन मेहनत के साथ साथ अन्य कई तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी मानसिक रूप से तैयार रहना पड़ेगा. याद रखिये स्कूल की तुलना में कॉलेज में अंक प्राप्त करना काफी कठिन होता है.

आर्ट्स और कॉमर्स स्टूडेंट्स द्वारा महत्व दिया जाना 

साइंस स्ट्रीम में प्रैक्टिकल तथा टेक्नोलॉजी की पर्याप्तता के कारण इन छात्रों को आर्ट्स और कॉमर्स के छात्रों द्वारा अधिक महत्व दिया जाता है. लेकिन साइंस के छात्रों को उनसे जलन होती है क्योंकि जहाँ इन्हें पूरे दिन क्लास अटेंड करना होता है वहीं वे 2 या 3 क्लास अटेंड कर फ्री हो जाते हैं.

अपने बनाये हुए स्टडी शिड्यूल को फॉलो नहीं कर पाना

इस बात को कहने में कोई झिझक नहीं होनी चाहिए कि अमूमन अधिकांश छात्रों द्वारा बनाये गए अपने स्टडी शिड्यूल का पालन नहीं किया जाता है. यही बात साइंस के स्टूडेंट्स के साथ भी लागू होती है. वे बड़ी मुश्किल से अपनी एकेडमिक एवं अन्य गतिविधियों से ताल मेल बैठा पाते हैं. लेकिन ध्यान रखिये इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है और यह रास्ता आपने चुना है, तो मंजिल तक आपको अपने प्रयास से ही पहुंचना है.

निष्कर्ष

इसमें कोई दो राय नहीं कि छात्रों के जीवन को अनेक परिप्रेक्ष्य में आगे ले जाने तथा तरक्की करने के लिए साइंस एक बहुत ही सटीक स्ट्रीम है. लेकिन इसमें पूर्वाग्रह जैसी कोई बात नहीं है. यह उनके लिए डायमंड है जिनकी इनमें रूचि है लेकिन रूचि नहीं होने पर महत्वपूर्ण होने के बावजूद भी इसमें लोहे जैसे भार का आभास होता है.

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