आईएएस प्रीलिम्स 2016: इतिहास की तैयारी की रणनीति

आईएएस प्रीलिम्स में इतिहास की तैयारी के लिए एनसीईआरटी की कक्षा 11 और 12 की प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास की पाठ्य पुस्तकें आधार सामग्री का कार्य करती हैं। कुछ महत्वपुर्ण सुझाव ही प्रारंभिक परीक्षा में आपकी सफलता का कारण बन सकती है।

Mar 4, 2016, 11:44 IST

प्रारंभिक परीक्षा के सामान्य अध्ययन के प्रथम प्रश्न पत्र में सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा भारतीय इतिहास का है। इसका पाठ्यक्रम बहुत विस्तृत है। इसमें प्राचीन भारतीय इतिहास, मध्यकालीन भारतीय इतिहास और आधुनिक भारतीय इतिहास के साथ ही भारत का स्वतंत्रता संघर्ष भी शामिल है।

इतिहास को कई छात्र रोचक बताते हैं तो कुछ इसे कठिन बताते हैं क्योंकि इसके तिथिक्रम और घटनाओं के क्रम को याद करना आसान नहीं होता है। फिर भी यदि सही रणनीति अपनाई जाए तो इतिहास को अच्छी तरह से तैयार कर सकते हैं। इस हिस्से से करीब 10-12 प्रश्न पूछे जाते हैं जो प्रारंभिक परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए महत्त्वपूर्ण होते हैं।आईएएस के सिलेबस के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा में सफलता के लिए भारत के प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक इतिहास और स्वतंत्रता आंदोलन का सम्यक ज्ञान होना आवश्यक है। पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को देखने से स्पष्ट होता है कि अन्य हिस्सों की अपेक्षा भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के हिस्से से तुलनात्मक रूप से अधिक सवाल पूछे जाते हैं।

प्राचीन भारत के इतिहास में प्रागैतिहासिक काल के पुरातात्विक अध्ययन, सिंधु सभ्यता, लौह युग,  पूर्व मौर्य युग, महाजनपदों के उदय, गुप्तोत्तरर युग, सामंतवाद का उदय, बौद्ध और जैन दर्शन जैसे अध्याय प्रमुख हैं।

मध्यकालीन इतिहास में दिल्ली सल्तनत, मुगल साम्राज्य, सभी प्रांतीय राज्यों, चोल,विजयनगर, मराठा साम्राज्य के साथ मध्यकालीन भारत के समाजिक और धार्मिक आंदोलनों का अध्ययन शामिल है।

आधुनिक भारत के इतिहास में ब्रिटिश कंपनी के भारत में साम्राज्य विस्तार के दौरान मैसूर, पंजाब और मराठा प्रतिरोध, 1857 ई. के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के सामाजिक और आर्थिक कारण, आदिवासी, नागरिक और किसान आंदोलन, ब्रिटिश आर्थिक नीति और उसका भारतीय समाज पर प्रभाव, पुनर्जागरण, ईसाई मिशनरियों की कार्य प्रणाली, आधुनिक शिक्षा का उदय और इसका भारतीय राष्ट्रवाद के उदय में योगदान, साहित्य, फिल्म और ‍थियेटर की प्रमुख हस्तियां, 1885 से 1947 तक के स्वतंत्रता संघर्ष का अध्ययन आवश्यक है। इसके साथ ही आजादी के बाद से 1964 तक के नेहरू युग का अध्ययन भी पाठ्यक्रम में शामिल है।

आईएएस प्रीलिम्स में इतिहास की तैयारी के लिए एनसीईआरटी की कक्षा 11 और 12 की प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास की पाठ्य पुस्तकें आधार सामग्री का कार्य करती हैं। इन पुस्तकों से एक सामान्य आधार तो तैयार हो जाता है लेकिन आईएएस की परीक्षा के सभी प्रश्नों का उत्तर देना इन पुस्तकों के आधार पर संभव नहीं है।

अत: इनके अतिरिक्ति कुछ अन्य पुस्तकों का भी अध्ययन आवश्यक है।

प्राचीन भारतीय इतिहास के लिए के.सी.श्रीवास्तव, ए.एल.बाशम की पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए।

मध्यकालीन भारतीय इतिहास के अध्ययन के लिए सतीश चंद्र, एल.पी.शर्मा और हरिश्चंद्र वर्मा की पुस्तकों का अध्ययन उपयोगी होता है।

आधुनिक भारतीय इतिहास के लिए बी.एल.ग्रोवर का आधुनिक इतिहास,विपिन चंद्र का भारत का स्वतंत्रता संघर्ष जैसी पुस्तकों का  अध्ययन करना चाहिए। इसके अलावा स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद के इतिहास के लिए भी विपिन चंद्रा की पुस्तक उपयोगी है।

Jagran Josh
Jagran Josh

Education Desk

    Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

    ... Read More

    आप जागरण जोश पर सरकारी नौकरी, रिजल्ट, स्कूल, सीबीएसई और अन्य राज्य परीक्षा बोर्ड के सभी लेटेस्ट जानकारियों के लिए ऐप डाउनलोड करें।

    Trending

    Latest Education News