आईएएस प्रीलिम्स परीक्षा में सबसे कठिन और भ्रमपूर्ण विषय भरतीय अर्थव्यवस्था है। छात्रों को लगता है कि किसी भी एक किताब से इस बारे में पूरी जानकारी हासिल करना संभव नहीं है, जो सही है। अर्थव्यवस्था में सामाजिक विकास, सतत विकास, गरीबी, जनसंख्या, सामाजिक क्षेत्र की पहलें आदि मुद्दे शामिल हैं। इसके अलावा महंगाई, वित्तीय नीति और मौद्रिक नीति से जुड़े सवाल शामिल हैं।
इसके साथ ही अर्थव्यवस्था के प्राथमिक, द्वितीयक और सेवा क्षेत्र, बजट, पंचवर्षीय योजनाएं और सार्वजनिक नीतियां, सार्वजनिक वितरण प्रणाली भी इस विषय के प्रमख अंग हैं जहां से प्रश्न पूछे जाते हैं। पंचवर्षीय योजनाओं की समयावधि, उनके दौरान उठाए गए प्रमुख एवं महत्वपूर्ण कदम, उस दौरान की प्रमुख समस्याएं, विकास दर और उपलब्धियों से जुड़े सवाल महत्त्वपूर्ण होते हैं। प्रमुख पंचवर्षीय योजनाओं का तुलनात्मक अध्ययन भी काफी उपयोगी होगा। इसके अतिरिक्त समसामयिक आर्थिक परिदृश्य पर बारीक नजर रखना भी जरूरी है।
अर्थव्यवस्था का क्षेत्र जितना ज्यादा विस्तृत है उससे कहीं अधिक जटिल है। परीक्षा में अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रश्नों में तथ्यात्मक,विश्लेषणात्मक और व्याख्यात्मक प्रश्न आते हैं। इन प्रश्नों को हल करते समय इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी होना भी जरूरी है।
अर्थव्यवस्था के लिए एनसीईआरटी की कक्षा 11 और 12 की पुस्तकों का अध्ययन मूल ज्ञान और धारणाओं को स्पष्ट करने के लिए आवश्यक है। इसके पश्चात आपको उमा-कपिल, दत्त-सुंदरम, रमेश सिंह की किताब के साथ ईपीडब्ल्यू पत्रिका का भी अध्ययन करना चाहिए।
सवालों का सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सा भारत के बजट और आर्थिक सर्वेक्षण से आता है। इसलिए छात्रों को इनकी तैयारी बहुत ध्यान से करनी चाहिए। इसके लिए रेल बजट और आम बजट पर पैनी निगाह रखनी चाहिए। बजट के दौरान की गई प्रमुख घोषणाओं और योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी रखनी होगी।
आमतौर पर लोग अर्थव्यवस्था के विषय में सहज नहीं होते लेकिन मूल ज्ञान अर्जित करने के बाद यदि नियमित रूप से एक या दो आर्थिक समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं का अध्ययन किया जाए तो यह आसानी से समझ में आ सकता है। इस विषय से ज्यादातर प्रश्न सम-सामयिक घटनाओं से जुड़े होते हैं। इसलिए आपको भारतीय और विश्व अर्थव्यवस्था के प्रमुख मुद्दों के बारे में जानकारी रखनी चाहिए। प्रमुख आर्थिक संधियों, आर्थिक परिभाषाओं के बारे में जानना भी जरूरी है।
विश्व की अर्थव्यवस्था में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ), विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की नीतियों, उनके प्रभाव, विश्व की आर्थिकस्थिति, मंदी, व्यापार संतुलन जैसे मुद्दे शामिल होते हैं। इनके अध्ययन के लिए प्रतियोगिता दर्पण, क्रानिकल जैसी पत्रिकाओं के अर्थव्यवस्था से जुड़े विशेष अंकों का अध्ययन अत्यंत उपयोगी होता है।
वर्तमान समय में आर्थिक क्रियाकलापों का जितना महत्त्व है उतना कभी नहीं था। इसलिए अर्थव्यवस्था के विषय पर सम्यक जानकारी रखना किसी भी जन सेवक के लिए जरूरी है। अत: छात्रों से अपेक्षित है कि वे इस पर मजबूत पकड़ बनाकर अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।
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