संघ लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2011 की सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा का आयोजन देश के विभिन्न केन्द्रों पर 29 अक्टूबर, 2011 से 26 नवम्बर 2011 के मध्य किया. यहां पर सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2011 के राजनीतिक विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध का द्वितीय प्रश्न-पत्र दिया गया है. इच्छुक अभ्यर्थी इसे पढ़कर अपनी तैयारी की रणनीति बनाने में मदद ले सकते हैं.
राजनीतिक विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध
प्रश्न-पत्र II
समय : तीन घण्टे पूर्णांक : 300
अनुदेश - प्रत्येक प्रश्न हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में छपा है.
प्रश्नों के उत्तर उसी माध्यम में लिखे जाने चाहिए. जिसका उल्लेख आपके प्रवेश-पत्र में किया गया है, और इस माध्यम का स्पष्ट उल्लेख उत्तर-पुस्तक के मुख-पृष्ठ पर अंकित निर्दिष्ट स्थान पर किया जाना चाहिए. प्रवेश-पत्र पर उल्लिखित माध्यम के अतिरिक्त अन्य किसी माध्यम में लिखे गए उत्तर पर कोई अंक नहीं मिलेंगे.
प्रश्न संख्या 1 और 5 अनिवार्य हैं. बाकी प्रश्नों में से प्रत्येक खण्ड से कम-से-कम एक प्रश्न चुनकर किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए.
प्रत्येक प्रश्न के लिए नियत अंक प्रश्न के अन्त में दिए गए हैं.
खण्ड 'क'
1. निम्नलिखित के उत्तर दीजिए, जो प्रत्येक लगभग 200 शब्दों में हो : 20x3=60
(क) "या आतंकवाद विजय प्राप्त करता है, या सभ्यता विजय प्राप्त करती है."
उपरोक्त कथन पर टिप्पणी कीजिए. 20
(ख) 'नव सामजिक आंदोलन (एन० एस० एम०) क्या है? विकासशील देशों में एस० एम० की मुख्य चुनौतियों को स्पष्ट कीजिए. 8+12=20
(ग) समकालीन वैश्वीकरण की प्रकृति और गतिकी का परीक्षण कीजिए. 20
2. (क) राष्ट्रीय सुरक्षा का सर्वसमावेशी उपागम क्या है? 20
(ख) क्या आप इस विचार से सहमत हैं कि 'राष्ट्रीय सुरक्षा' की संकल्पना के अति-विस्तारण ने उसको अपेक्षाकृत एक अधिक आकारहीन संकल्पना बना दिया है ? चर्चा कीजिए. 40
3. (क) "राजनीतिक विश्लेषण के संरचनात्मक-प्रकार्यात्मक उपागम का फोकस यथापूर्व-स्थितिता पर अधिक और परिवर्तन पर अपेक्षाकृत कम रहा करता है." सुस्पष्ट कीजिए. 30
(ख) अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में तंत्र उपागम के उपयोगों को सुस्पष्ट कीजिए. 10+20=30
4. (क) संयुक्त राष्ट्र द्वारा शीत-युद्धोत्तर अवधि के दौरान अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखने के प्रयास किस सीमा तक सफल रहे हैं? 30
(ख) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के सुधार में क्या-क्या प्रमुख बाधाएं हैं ? 30
खण्ड 'ख'
5. निम्नलिखित के उत्तर दीजिए, जो प्रत्येक लगभग 200 शब्दों में हो : 20x3=60
(क) सिविल-नाभिकीय सहयोग पर भारत और यू० एस० के बीच 123 करार को स्वरुप प्रदान करने में संसद की भूमिका स्पष्ट कीजिए.
(ख) भारत ने नेपाल और अन्य पड़ोसी राज्यों के साथ जल-विभाजन पर चीन के साथ भी उसी के समान संधि पर हस्ताक्षर करने चाहिए ?
(ग) "जबकि भारत प्रसारनिरोध संधि (एन० पी० टी०) का भेदमूलक होने के नाते विरोध करता है, वह व्यापक परीक्षण प्रतिबन्ध संधि (सी० टी० बी० टी०) का निस्प्रभाविता के आधार पर विरोध करता है." टिप्पणी कीजिए.
6. निम्नलिखित कथनों को स्पष्ट कीजिए और उनके निहितार्थी की व्याख्या कीजिए : 30+30=60
(क) "भारत की निर्गुटता की नीति आदर्शवादी और यथार्थवादी दोनों ही गणनाओं पर आधारित थी."
(ख) "शीत-युद्धोत्तर काल में भारत की नीति व्यवहारिकता और बुद्धिमानी की ओर झुकी हुई है."
7. (क) भारत की 'पूर्व की ओर देखी नीति' की प्रमुख त्रुटियों को स्पष्ट कीजिए. एशिया-प्रशांत में उच्च-तकनीक शक्ति के रूप में चीन के आविर्भाव को देखते हुए, क्या इस नीति का सफलतापूर्वक संचालन और कार्यान्वयन संभव है? 20+10=30
(ख) केन्द्रीय एशियाई राज्यों के साथ भारत की 'संरचनात्मक सामरिक भागीदारी' के सम्बन्ध में बहुपक्षीय किस सीमा तक एक वास्तविकता है? 30
8. (क) 1990 के दशक के उत्तरार्ध से भारत की विदेश नीति पर गठबंधन राजनीति के प्रभाव को स्पष्ट कीजिए. 30
(ख) दक्षिण एशिया में नृजातीयता और राष्ट्र-निर्माण के निहितार्थों पर और दक्षिण एशिया के भीतर के राज्यों के सम्बन्धों पर उनके प्रभाव पर चर्चा कीजिए. 30
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