किसी भी देश की तरक्की तभी हो सकती है, जब अच्छी आर्थिक योजना हो और उसे पूरा करने के लिए काफी संख्या में योग्य और ट्रेंड प्रोफेशनल्स हों। भारत सरकार को इस तरह के आर्थिक जानकारों की काफी संख्या में जरूरत पडती रहती है। यही कारण है कि वह हर वर्ष परीक्षा के माध्यम से योग्य प्रोफेशनल्स का चयन करती है। अगर आप भी इसमें अहम कडी बनना चाहते हैं, तो आप परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। हाल ही में यूपीएससी ने इंडियन इकोनॉमिक सर्विस तथा इंडियन स्टैटिस्टिकल सर्विस के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यदि आप इस सेवा से जुडना चाहते हैं, तो आपके लिए बेहतर अवसर हैं। ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 1 अक्टूबर, 2012 है।
शैक्षिक योग्यता
भारतीय इकोनॉमिक सर्विस के लिए भारत के किसी मान्यता प्राप्त संस्थान या यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स/अप्लाइड इकोनॉमिक्स/बिजनेस इकोनॉमिक्स/ इकोनॉमेट्रिक्स में पीजी होना अनिवार्य है, जबकि इंडियन स्टैटिस्टिकल सर्विस के लिए स्टैटिसटिक्स/अप्लाइड स्टैटिसटिक्स/ मैथमेटिकल स्टैटिसटिक्स में पीजी की डिग्री आवश्यक है।
उम्र सीमा
इस परीक्षा में सामान्य कैंडिडेट के लिए उम्र-सीमा 21 से 30 वर्ष निर्धारित है। आरक्षण के दायरे में आनेवाले अभ्यर्थियों को सरकारी नियमानुसार छूट का प्रावधान है।
परीक्षा का स्वरूप
इस परीक्षा के दो चरण लिखित परीक्षा और इंटरव्यू होंगे। लिखित परीक्षा में कुल 1000 अंक निर्धारित हैं। भारतीय आर्थिक सेवा के लिए सामान्य अंग्रेजी, जीएस तथा अर्थशास्त्र के चार पेपर होंगे। भारतीय सांख्यिकी सेवा में सामान्य अंग्रेजी और जीएस के साथ ही सांख्यिकी से संबंधित चार पेपर होंगे। जो अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में सफल होंगे, उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। इंटरव्यू के लिए कुल सौ अंक निर्धारित हैं।
स्टैंडर्ड एंड सिलेबस
जीएस विषय भारतीय अर्थव्यवस्था, समसामयिक राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय घटनाओं, लॉजिकल रीजनिंग, सामान्य विज्ञान, भारतीय इतिहास एवं संस्कृति, भारत का स्वतंत्रता आंदोलन, भारतीय संविधान व राजव्यवस्था आदि पर आधारित होते हैं। विषय का पाठयक्रम ग्रेजुएट लेवॅल का होगा। सामान्य अंग्रेजी भी स्नातक स्तर की होगी। इकोनॉमिक्स के चार पेपर होंगे। प्रथम पेपर थ्योरी बेस्ड होता हैं। इसके अंतर्गत माइक्रो एंड माइक्रो इकोनॉमिक्स, इंटरनेशनल एंड वेलफेयर इकोनॉमिक्स, इन्वॉयरनमेंटल इकोनॉमिक्स के अंतर्गत मॉनिटरी एंड फिस्कल थ्योरी, डेवलपमेंट, चैलेंज ऑफ प्लानिंग तथा इंडियन इकोनॉमिक्स से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
कैसे करें तैयारी
जनरल स्टडीज में मुख्यत: पॉलिटी, इकोनॉमी, ज्योग्रॉफी, महत्वपूर्ण हिस्टोरिकल प्लेस, पर्सन तथा देश-विदेश में घटित महत्वपूर्ण घटनाओं और खेलों के बारे में पूछा जाता है। जो अभ्यर्थी पहले से ही सिविल सेवा की परीक्षा दे रहे हैं, उन्हें इस विषय में अधिक परेशानी नहीं होगी। इस विषय में सीमित शब्दों में उत्तर लिखने होते हैं। इस कारण शब्द-सीमा का अवश्य ध्यान रखें। किसी भी परीक्षा में बेहतर अंक लाने के लिए पहले से ही सिलेबस का सूक्ष्म विश्लेषण आवश्यक है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इससे तैयारी करने में काफी आसानी होती है और कम समय में अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। परीक्षा में पूछे गए पिछले पांच वर्षो के प्रश्नपत्रों को जरूर देखें। इससे आपको नए ट्रेंड के बारे में पता चलेगा। नए ट्रेंड का सूक्ष्म विश्लेषण कर अपनी तैयारी में भी अपेक्षित बदलाव लाएं।
सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र में आधुनिक भारत के इतिहास के अंतर्गत वर्ष 1850 के बाद के महत्वपूर्ण घटनाक्रम, स्वतंत्रता संघर्ष के विकास के चरण व संगठनों की भूमिका, महात्मा गांधी सहित तमाम नेताओं के वैचारिक पहलू एवं आजादी में योगदान तथा ब्रिटिश उपनिवेश का भारत पर प्रभाव आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। भूगोल के अंतर्गत भारत के भूगोल से संबंधित प्रश्न होते हैं। इसके अलावा भारत के संविधान के मूल तत्व एवं समकालीन भारतीय राजनीतिक व्यवस्था तथा समकालीन सामाजिक मुद्दे से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। भारत और विश्व के तहत भारत का पडोसी देशों व अन्य महत्वपूर्ण देशों के साथ राजनीतिक, आर्थिक एवं कूटनीतिक संबंधों के परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिक व समकालीन मुद्दों से संबंधित प्रश्न रहते हैं। विश्व के देशों के साथ पारस्परिक आर्थिक क्रिया के अंतर्गत विभिन्न देशों के व्यापारिक संगठनों व वैश्विक संस्थाओं के साथ आर्थिक संबंधों पर आधारित प्रश्न होते हैं। विज्ञान प्रौद्योगिकी के तहत भारत एवं विश्व के प्रौद्योगिकी विकास और उनके अप्लॉइड ऑस्पेक्ट्स से संबंधित प्रश्न होते हैं। यदि पिछले पांच वर्षाे के प्रश्नों को देखेंगे, तो पाएंगे कि अक्सर प्रश्न सीधे-सीधे नहीं पूछे जाते। इस तरह के प्रश्न को समझने के लिए विषय का गहन अध्ययन आवश्यक है। इसके अतिरिक्त उत्तर देने से पहले प्रश्नों को अच्छी तरह से समझें। यदि आप प्रश्नों को भलीभांति समझ लेंगे, तो उत्तर देने में खास परेशानी नहीं होगी। राष्ट्रीय समाचार पत्रों, स्तरीय प्रतियोगिता पत्रिकाओं, एनसीईआरटी की 12वीं तक की पुस्तकों से तैयारी करें और छोटे-छोटे नोट्स बनाकर भी रखें, ताकि इसकी सहायता से अंतिम समय में रिवीजन कर सकें। डीडी बसु और सुभाष कश्यप द्वारा लिखित भारतीय संविधान, विपिन चंद्र की भारत का स्वतंत्रता संघर्ष, मिश्रा और पुरी की भारतीय अर्थव्यवस्था आदि की भी मदद ले सकते हैं। सम-सामयिकी की तैयारी के लिए बाजार में उपलब्ध क्रॉनिकल या प्रतियोगिता दर्पण को रेगुलर पढें। इसके अतिरिक्त देश-विदेश में घटित महत्वपूर्ण घटनाओं, खेलों तथा संधियों पर रेडियो या टीवी के माध्यम से गहरी नजर रखें। सामान्य अंग्रेजी में इस प्रकार से प्रश्न पूछे जाएंगे, जिससे कि अंग्रेजी भाषा के ज्ञान और शब्दों के प्रयोग की जांच हो सके। इसके लिए अंगे्रजी लिटरेचर का ज्ञान आवश्यक है। संक्षेपण के लिए अभ्यास जरूरी है। संक्षेपण की तैयारी के लिए आप पिछले दस वर्षो में पूछे गए संक्षेपण का खूब अभ्यास करें। इंडियन इकोनॉमिक्स की तैयारी के लिए लेटेस्ट इकोनॉमिक सर्वे, पंचवर्षीय योजना आदि पर विशेष फोकस करें। इसके लिए योजना पत्रिका के अलावा स्टैंडर्ड इकोनॉमी ओरिएंटेड न्यूज पेपर को पढना जरूरी है। अगर आप इस तरह की योजना पर अमल करते हैं, तो आप इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
विजय झा
इंडियन इकोनॉमिक सर्विस तथा इंडियन स्टैटिस्टिकल सर्विस की तैयारी की रणनीति
किसी भी देश की तरक्की तभी हो सकती है, जब अच्छी आर्थिक योजना हो और उसे पूरा करने के लिए काफी संख्या में योग्य और ट्रेंड प्रोफेशनल्स हों
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