केंद्र सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से आगामी 24 अगस्त 2014 को प्रस्तावित सिविल सेवा परीक्षा (आईएएस प्रारंभिक परीक्षा 2014) को टालने को कहा.
प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार पाठ्यक्रम संबंधी गतिरोध दूर होने तक इस परीक्षा को टालना चाहती है.
यह नया आदेश 13 जुलाई 2014 को गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सरकारी निवास के बाहर यूपीएससी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के बाद आया.
विदित हो कि वर्ष 2011 से सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में सीसैट लागू होने के बाद इसमें सफल होने वाले अभ्यर्थियों में हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के अभ्यर्थियों की संख्या लगातार घटी है.
केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) ने 15 जुलाई 2014 को यूपीएससी से कहा कि छात्रों द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान निकलने के बाद ही सिविल सेवा प्रारंभिक 2014 का आयोजन किया जाना चाहिए.
विदित हो कि सिविल सेवा प्रारंभिक के प्रश्नपत्र सीसैट को वापस लेने को लेकर सिविल सेवा परीक्षा के हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन पिछले कई दिनों से चल रहा है।
छात्रों की प्रमुख मांगे:
- सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा से सीसैट प्रश्नपत्र को हटा दिया जाए, क्योंकि स्क्रीनिंग परीक्षा होने के कारण इसके अंक मेरिट में भी नही जुड़ते हैं.
- मुख्य परीक्षा में अंग्रेजी के अनिवार्य प्रश्नपत्र को सरल किया जाए.
- हिंदी के प्रश्नों को सुग्राह्व भाषा मे लिखा जाए.
यूपीएससी के संभावित कदम
- तय समय पर प्रारंभिक परीक्षा सीसैट को हटाकर कराई जा सकती है.
- परीक्षा को आगामी कुछ समय तक के लिए स्थगित किया जा सकता है.
- मौजूदा अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका देकर वर्ष 2014 की परीक्षा तय प्रारुप पर ही कराई जा सकती है.
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