राजस्थान के ऐतिहासिक शहर अजमेर में मंगलवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाई
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वैश्विक स्तर शिक्षा के मामले में भारत के फिसड्डी होने को लेकर फिर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों के अनुसार विश्व के सर्वोच्च 200 संस्थानों में भारतीय शिक्षण संस्थाओं का कहीं स्थान नहीं है। उच्च शिक्षण संस्थाओं की संख्या में बढ़ोतरी के साथ ही इनमें शैक्षिक उन्नयन की जरूरत है।
मुखर्जी ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 38 प्रतिशत अध्यापकों के पद खाली होने का जिक्र करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रलय से कहा कि इन खाली जगहों में बेहतर अध्यापकों की नियुक्ति की जाए। राष्ट्रपति ने मंगलवार को अजमेर के किशनगढ़ में राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रलय के प्रबंधन में 43 केंद्रीय विश्वविद्यालय चल रहे हैं। इनमें 38 प्रतिशत अध्यापकों की जगह खाली है। मैं मंत्रलय से अपील करता हूं कि इन खाली जगहों को भरा जाए।
हमें अच्छे अध्यापकों की आवश्यकता है ताकि अच्छे छात्र अध्यापन के पेशे में आ सकें। उच्च शिक्षण संस्थाओं में नैतिक, संस्कारित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना होगा। केंद्रीकृत प्रौद्योगिकी संस्थानों, केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों में शैक्षिक पिछड़ेपन पर चिंता जताते हुए उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि देश ने शिक्षा, रोजगार और विकास के अवसर दिए हैं। अच्छी शिक्षा प्राप्त कर उन्हें देश के विकास में अहम योगदान देना चाहिए।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation