भारत में पॉलीटेक्निक डिप्लोमा हासिल करने के बाद रोजगार की कितनी संभावनाएं हैं, यह प्रश्न अक्सर ऐसे भारतीय स्टूडेंट्स के मन में आता है जो किसी पॉलिटेक से अपनी रूचि के मुताबिक कोई डिप्लोमा कोर्स कर रहे हैं. ऐसे ही भारतीय स्टूडेंट्स के लिए हमने इस आर्टिकल में पॉलिटेक्निक कोर्स के बाद उपलब्ध विभिन्न करियर ऑप्शन्स के बारे में विस्तार से चर्चा की है.
निम्नलिखित टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज हैं जो पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को लेटरल एंट्री योजना के माध्यम से प्रवेश प्रदान करते हैं :
एआईएम सर्टिफिकेशन
इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले डिप्लोमा धारकों के लिए एक और अन्य ऑप्शन्स एआईएम सर्टिफिकेशन कोर्स है. एएमआईआई (इंजीनियरों के संस्थानों के सहयोगी सदस्य) सर्टिफिकेशन बीई के बराबर एक प्रोफेशनल सर्टिफिकेशन डिग्री है. एआईएम सर्टिफिकेशन कोर्स को पूरा करने वाले उम्मीदवारों को इंजीनियरिंग संस्थान, भारत द्वारा एआईएम प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाता है. एआईएम परीक्षा में दो खंड होते हैं और इस कोर्स को पूरा करने में लगभग 4 साल लगते हैं. हालांकि, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को स्ट्रीम ए, यानि प्रोजेक्ट वर्क में शामिल होने की बहुत जरुरत नहीं होती है.
इसलिए, वे केवल 3 वर्षों में ही एआईएम सर्टिफिकेशन कोर्स कर सकते हैं. अगर आपको इस ऑप्शन्स के विषय में और अधिक जानकारी चाहिए तो आप www.ieindia.org पर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
स्टडी डोमेन में ग्रेजुएशन
बीटेक और बीई कोर्सेज के अलावा पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों के पास अपने सम्बन्धित डोमेन में तीन साल के नियमित ग्रेजुएशन कोर्स में शामिल होने का ऑप्शन्स भी मौजूद है. यह ऑप्शन्स गैर-इंजीनियरिंग प्रोग्राम्स, बीएससी, बीए, बीसीए और बीकॉम जैसे तीन साल के रेगुलर ग्रेजुएशन प्रोग्राम्स की अपेक्षा डिप्लोमा धारकों के लिए विशेष रूप से व्यावहारिक है. लेकिन इसके लिए उम्मीदवार के पास 12 वीं का रीजल्ट तथा डिप्लोमा का सर्टिफिकेट होना आवश्यक है तभी उन्हें इसमें एडमिशन मिल सकता है.
उत्कृष्ट क्षेत्र और विभिन्न करियर के अवसर प्रदान करने के कारण पॉलिटेक्निक डिप्लोमा को कई छात्र करियर के शॉर्ट-कट का नाम देते हैं. 10 वीं पास करने के बाद आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे स्टूडेंट्स को यह रोमांचक और आकर्षक करियर ऑप्शन्स प्रदान करता है. ऐसे में वे पीएसयू की नौकरी कर सरकारी सेवा क्षेत्र में शामिल होने, निजी कंपनियों के साथ नौकरियां लेने या यहां तक कि अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने और स्व-नियोजित होने का ऑप्शन्स चुन सकते हैं.
आइए कुछ प्रमुख नौकरी करियर विकल्पों पर विचार करते हैं जिसे पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारक कोर्स पूरा होने के बाद अपना सकते हैं-
भारत का सार्वजनिक क्षेत्र
सरकार या उनके सहयोगी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को बेहतरीन करियर के अवसर प्रदान करती हैं. ये कंपनियां जूनियर लेवल पोजिशन (इंजीनियरिंग और गैर इंजीनियरिंग उम्मीदवारों दोनों के लिए) और तकनीशियन स्तर की नौकरियों के लिए डिप्लोमा धारकों को हायर करती हैं.
पॉलीटेक्निक डिप्लोमा ग्रेजुएट्स की भर्ती करने वाली शीर्ष कंपनियां
भारत का निजी क्षेत्र
सार्वजनिक क्षेत्र की तरह ही निजी क्षेत्र की कंपनियां भी विशेष रूप से विनिर्माण, निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार डोमेन में काम करने वाले पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को हायर करती हैं. हालांकि, ये नौकरियां जूनियर लेवल की होती हैं और इसमें प्रोमोशन के आसार कम होते हैं.
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को भर्ती करने वाली शीर्ष निजी क्षेत्र की कंपनियां-
स्व रोजगार
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों के लिए एक और उत्कृष्ट करियर ऑप्शन्स स्व-रोज़गार है. पॉलिटेक्निक संस्थानों द्वारा पेश किए गए सभी डिप्लोमा कोर्सेज विशेष रूप से संबंधित विषय के व्यावहारिक या अनुप्रयोग सम्बन्धी पहलुओं पर स्टूडेंट्स को प्रशिक्षित करते हैं.यह स्टूडेंट्स को विषय की मूल बातें सीखने के लिए तैयार करता है और अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के योग्य बनाता है.उदाहरण के लिए, कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाले छात्र आसानी से कंप्यूटर की मरम्मत के लिए एक व्यवसाय शुरू कर सकते हैं; या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाला कोई भी छात्र अपना गेराज या ऑटोमोबाइल मरम्मत स्टोर शुरू कर सकता है. इसलिए, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पाठ्यक्रम स्टूडेंट्स को स्व-रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करते हैं.
आखिर किसी पॉलिटेक से कोई डिप्लोमा हासिल करने के बाद भारतीय स्टूडेंट्स के लिए रोजगार की कितनी संभावनाएं हैं तथा इसमें करियर ग्रोथ के आसार हैं या नहीं? इस बारे में हम आपसे सिर्फ इतना ही कहना चाहते हैं कि, इन दिनों भारतीय स्टूडेंट्स के लिए किसी पॉलिटेक से अपनी मनचाही करियर फील्ड में डिप्लोमा हासिल करने के बाद बहुत अच्छे करियर ऑप्शन्स उपलब्ध हैं. भारतीय स्टूडेंट्स द्वारा देश में उपलब्ध विभिन्न पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्सेज ज्वाइन करने का सबसे प्रमुख कारण कम पैसे और कम समय में ये डिप्लोमा कोर्सेज पूरे करने के बाद, ऐसे भारतीय स्टूडेंट्स अपनी मनचाही फील्ड में जल्दी ही अपना करियर शुरू/ जॉब ज्वाइन कर सकते हैं.
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कार्यक्रम के पूरा होने के बाद इंजीनियरिंग ट्रेडों के साथ-साथ गैर-इंजीनियरिंग क्षेत्रों में भी स्टूडेंट्स के पास कई बधिया करियर ऑप्शन्स मौजूद हैं.
यद्यपि पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कार्यक्रम एआईसीटीई/ अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा संचालित और अनुमोदित पूर्ण तकनीकी डिग्री पाठ्यक्रम है, लेकिन इन पाठ्यक्रमों को विशेष रूप से संबंधित स्ट्रीम्स या विषय के व्यावहारिक पहलुओं और मूलभूत बातें सीखने में मदद करने के लिए विशेष रूप से जाना जाता है. इसलिए, यदि आप अपने टेक्नीकल ज्ञान के थियरेटिकल ज्ञान के साथ साथ प्रैक्टिकल ज्ञान में भी वृद्धि करना चाहते हैं तो आपके द्वारा पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स पूरा करने के बाद निम्नांकित विषयों के अध्ययन पर जोर दिया जाना चाहिए.
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा एक टेक्नीकल डिग्री है. इससे आपको एक अच्छी नौकरी मिलने में मदद मिल सकती है. विविध प्रकार की नौकरियों में जॉब की संभावना और हायर लेवल की नौकरियों के लिए अपनी योग्यता साबित करने के लिए डिप्लोमा करने के बाद भी अध्ययन करना जरुरी है. पॉलीटेक्निक डिप्लोमा के दौरान सम्बंधित डोमेन के व्यावहारिक पक्ष तथा आधारभूत तथ्यों पर ज्यदा जोर दिया जाता है लेकिन वे हायर लेवल की नौकरी के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं. पॉलीटेक्निक डिप्लोमा से प्रारंभिक स्तर पर जूनियर लेवल की जॉब आसानी से पायी जा सकती है लेकिन हायर लेवल की नौकरियों के लिए सिर्फ इससे काम नहीं चलता है. इसलिए सम्बन्धित डोमेन में सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों ही स्तर पर पर्याप्त ज्ञान के लिए आगे अध्ययन करना बहुत जरुरी हो जाता है. इसके लिए आप निम्नांकित कोर्सेज पर विचार कर सकते हैं -
बीटेक लेटरल एंट्री स्कीम
पॉलीटेक्निक डिप्लोमा धारकों के लिए सबसे लोकप्रिय ऑप्शन्स, खासकर इंजीनियरिंग डोमेन से, बी.टेक या बीई का चयन करना है. इसके लिए उम्मीदवारों को कॉलेज और पाठ्यक्रम के लिए संबंधित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा. कई इंजीनियरिंग कॉलेज इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारकों को लेटरल एंट्री प्रदान करते हैं. लेटरल एंट्री का मतलब है कि आप सीधे दूसरे वर्ष में इंजीनियरिंग कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं या बी.टेक / बीई के तीसरे सेमेस्टर में शामिल हो सकते हैं. कुछ कॉलेजों में डिप्लोमा धारकों को लेटरल एंट्री योजना के माध्यम से प्रवेश के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है.