संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के मानवतावादियों ने कहा है कि अफगानिस्तान में राहत संकट तेजी से बिगड़ रहा है. इसमें 12.2 मिलियन लोग गंभीर रूप से खाद्य असुरक्षित हैं. काबुल हवाई अड्डे के माध्यम से हजारों लोग भाग रहे हैं या भागने की कोशिश कर रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया था कि अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो बलों की वापसी से हिंसा में वृद्धि हो सकती है, अधिक लोगों का विस्थापन हो सकता है और मानवीय सहायता वितरित करने में कठिनाई हो सकती है.
मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने 19 अगस्त 2021 को कहा कि इस साल 735,000 लोग ईरान, पाकिस्तान और अन्य देशों से देश लौटे हैं, और उन्हें मानवीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने तालिबान संकट से पहले अपनी रिपोर्ट में कहा था कि गंभीर खाद्य असुरक्षा से पीड़ित लोगों की सबसे अधिक संख्या वाले नौ देशों में अफगानिस्तान भी एक है.
अफगानिस्तान में अनिश्चय की स्थिति
खाद्य एजेंसी के अनुसार अब अफगानिस्तान में अनिश्चय की स्थिति है. इसके चलते वहां पर सामान्य कामकाज नहीं हो पा रहा है. इससे लोगों के सामने अपना पेट भरने का संकट खड़ा हो रहा है. तालिबान के कब्जे के बाद ये लोग पहले ही गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं.
अमेरिकी सेना को वापस बुलाने की समयसीमा
US राष्ट्रपति बाइडेन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के लिए 31 अगस्त की समयसीमा तय की थी. बाइडेन ने कहा कि अमेरिका समय सीमा खत्म होने से पहले अफगानिस्तान से अमेरिकियों और अमेरिका के सहयोगियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हरंसभव कदम उठाएगा. राष्ट्रपति ने कहा कि अगर कोई अमेरिकी नागरिक वहां रह जाता है तो हम तब तक वहां रुकेंगे जबकि उन्हें बाहर न निकाल लें.
50 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि
गेहूं, चावल, चीनी और खाना पकाने के तेल में कोविड-19 की कीमतों की तुलना में 50 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है. साल 2021 में मासिक वृद्धि 1 से 4 प्रतिशत के बीच है. विस्थापन में बढ़ोत्तरी के चलते आपातकालीन आश्रय और राहत वस्तुओं के लिए धन विशेष रूप से जरूरी है, लेकिन आवश्यक धन का केवल 4 प्रतिशत ही हासिल हुआ है.
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