केन्द्रीय वित्त अरुण जेटली ने 1 फरवरी 2017 को संसद में आम बजट 2017-18 पेश करते हुए कहा कि बंदरगाहों और दूर-दराज के गांवों से बेहतर कनेक्टिविटी के लिए निर्माण एवं विकास हेतु 2,000 किलोमीटर लंबी तटीय कनेक्टिविटी सड़कों की पहचान की गई है.
वर्ष 2017-18 में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कुल मिलाकर 3,96,135 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. सड़क क्षेत्र में राजमार्गों के लिए बजट आवंटन को वर्ष 2016-17 के बजट अनुमान के 57,976 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2017-18 में 64,900 करोड़ रुपये कर दिया गया.
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014-15 से लेकर चालू वर्ष तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों सहित कुल मिलाकर लगभग 1,40,000 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया गया है, जो पिछले तीन वर्षों के मुकाबले बहुत ज्यादा है.
अरुण जेटली ने नागरिक विमानन से जुड़े बुनियादी ढांचे का उल्लेख करते हुए कहा कि टीयर 2 शहरों में चुनिंदा हवाई अड्डों के परिचालन और रखरखाव का काम पीपीपी (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) मोड के तहत किया जाएगा.
अरुण जेटली ने टेलीकॉम क्षेत्र को बुनियादी ढांचे के परितंत्र का एक महत्वरपूर्ण घटक बताया. उन्होंने कहा कि हाल ही में की गई स्पेक्ट्रम नीलामी से देश में स्पेक्ट्रम की किल्लत समाप्त होने वाली है. इससे ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के हित में मोबाइल ब्रॉडबैंड और डिजिटल इंडिया को काफी बढ़ावा मिलेगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों और गावों को जबरदस्त सौगातों की पेशकश की है. उन्होंने आधारभूत ढांचे, रोजगार, आवास, किसानों, ग्रामीण इलाकों, नौजवानों पर जोर दिया. बजट में गावों के विकास पर ज्यादा फोकस किया गया है.
बजट के अनुसार एक करोड़ परिवारों को गरीबी से बाहर लाना है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना कॉन्ट्रैक्ट खेती के लिए नया कानून बनाना.
सुगमता से व्यापार के लिए कई उपायों की घोषणा:
व्यापार करने में सुगमता का माहौल विकसित करने कि सरकार की नीति के तहत वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोक सभा में आम बजट 2017-18 पेश करते हुए कई अन्यम उपायों की घोषणा की.
वित्त मंत्री ने अनुमानित आय योजना का विकल्प चुनने वाले व्यावसायिक उद्यमियों की लेखा-परीक्षा के लिए प्रारंभिक सीमा एक करोड़ रु. से बढ़ाकर दो करोड़ रु. करने का प्रस्ताव किया.
इसी प्रकार विशिष्टियों और हिन्दू अविभाजित परिवारों के लिए बहियों के रखरखाव की प्रारंभिक सीमा 10 लाख रु. टर्नओवर से बढ़ाकर 25 लाख अथवा आय को 1.2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख करना प्रस्तावित किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में कर-प्रभार्य निवेश के शोधन या बिक्री के परिणाम स्वरूप या इससे भारत से बाहर शेयरों के शोधन या ब्याज के मामले में अप्रत्यक्ष अंतरण प्रावधान लागू नहीं होंगे.
उन्होंने स्पष्ट किया कि बीमा एजेंटों को स्वघोषणा करनी होगी कि उनकी आय कर योग्य सीमा से कम है. अब तक, व्यक्तिगत बीमा एजेंटों को देय कमीशन में 5 प्रतिशत टीडीएस की कटौती की जाती है.
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