भारतीय उद्योग समूह गौतम अडाणी ने 6 जून 2017 को ऑस्ट्रेलिया में 21.7 अरब डॉलर की विवादास्पद कोयला खदान परियोजना में निवेश को अंतिम मंजूरी दे दी. इस परियोजना में पर्यावरण संबंधी चिंताओं को लेकर कई रुकावटें सामने आई थीं.
क्वींसलैंड की प्रधानमंत्री अन्नास्टाशिया पालसज्सजुक ने अडाणी के क्षेत्रीय मुख्यालय का टाउंसविले में शुभारंभ किया. यहां से कंपनी परियोजना के निर्माण और परिचालन की देखरेख करेगी. इस कार्यक्रम के उत्तरी आस्ट्रेलिया और संसाधन के संघीय मंत्री, सीनेटर मैट कैनावन आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद थे.
इस परियोजना को अंतिम निवेश निर्णय (एफआईडी) की मंजूरी मिल गई है जिससे ऑस्ट्रेलिया के हालिया इतिहास में सबसे बड़ी एकल बुनियादी ढांचा एवं रोजगार सृजन विकास परियोजनाओं में से एक पारियोजना की आधिकारिक शुरुआत हो गई. इससे पहले समूह ने इस विवादित परियोजना को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए क्वींसलैंड सरकार के साथ समझौता किया था.
कार्माइकल परियोजना से लगभग 10,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इसका निर्माण से पहले का काम सितंबर 2017 की तिमाही में शुरू होगा.
अडाणी की ऑस्ट्रेलिया खनन परियोजना क्या है?
अडाणी ग्रुप को अपने खनन परियोजना की शुरुआत करने के लिए गलीली बेसिन में स्थित कार्माइकल कोयला खदानों के लिए भूमि-अधिग्रहण करना था. हालांकि इस क्षेत्र में जमीनों का मालिकाना हक क्वींसलैंड के क्षेत्रीय वांगन और जगलिंगउ लोगों को है. अडानी समूह ने क्षेत्रीय लोगों से जमीन अधिग्रहित करने हेतु लंबे समय से कानूनी प्रक्रिया से गुजर रहा था. क्षेत्रीय नियमों के अनुसार वहां कि सरकार को लोगों से जमीन लेकर अडाणी को माइनिंग लीज देना था.
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