पश्चिम बंगाल में एडेनोवायरस (Adenovirus) के मामलें काफी तेजी से बढ़ रहे है, राज्य के हॉस्पिटलों के बाल चिकित्सा वार्ड में इससे संक्रमित बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसे लेकर राज्य का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है.
राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि कोलकाता में राष्ट्रीय हैजा और आंत्र रोग संस्थान (ICMR-NICED) को भेजे गए कम से कम 30 प्रतिशत नमूनों में इस वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण पाए गए है.
राज्य में एडेनोवायरस की पहचान और उनके लक्षणों पर नजर रखने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों को अलर्ट पर रखा गया है साथ ही इससे जुड़ी एक एडवाइजरी भी जारी की गयी है.
Since the beginning of winter, #Adenovirus has claimed 11 lives — most prominently children.
— The Weather Channel India (@weatherindia) February 22, 2023
Adenoviruses typically manifest in cold- or flu-like symptoms and can become severe for people with weakened immune systems.
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एडेनोवायरस क्या है?
एडेनोवायरस, मध्य आकार का एक अल्पविकसित (Nonenveloped) वायरस है, जो कई तरह के संक्रमण पैदा करने में सक्षम है. एडेनोवायरस में एक आइकोसाहेड्रल न्यूक्लियोकैप्सिड होता है जिसमें डबल-स्टैंडर्ड डीएनए जीनोम होते हैं.
अभी तक शोधकर्ताओं ने लगभग 50 प्रकार के ऐसे एडेनोवायरस की पहचान की है जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकते है. इस वायरस का प्रभाव सर्दियों में चरम पर होता है. कभी कभी इसका प्रभाव साल भर भी हो जाता है.
क्या है इसके सामान्य लक्षण?
रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, इसके सामान्य लक्षणों में सामान्य सर्दी, बुखार, गले में खराश, तीव्र ब्रोंकाइटिस, निमोनिया (फेफड़ों का संक्रमण), गुलाबी आंख, तीव्र गैस्ट्रोएंटेराइटिस (सूजन) शामिल हैं. साथ ही पेट दर्द, दस्त आदि शामिल है. इससे पुरानी सांस की बीमारी और अन्य प्रकार की बीमारियों वाले लोगों को ज्यादा खतरा होता है.
यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, यह वायरस आमतौर पर हल्की सर्दी, सांस सम्बन्धी बीमारी, या फ्लू जैसी बीमारियों का कारण बनते है. एडेनोवायरस साल के किसी भी समय सभी उम्र के लोगों में बीमारी का कारण बन सकता है.
नवंबर-दिसंबर से जारी एक पैटर्न में, शहर भर के डॉक्टर अभी भी वायरल संक्रमण वाले बच्चों के एक स्थिर प्रवाह को देख रहे हैं, जिनमें से कुछ मुख्य लक्षण बुखार, खांसी है.
एडेनोवायरस का कोई विशेष उपचार नहीं:
एडेनोवायरस के लिए कोई विशेष उपचार नहीं है. इसका कोई टीका मौजूद नहीं है. हालांकि, लक्षणों से निपटने के लिए सामान्य दवाओं का उपयोग किया जा सकता है.
इससे बचाव के लिए अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचना चाहिये. संभव हो तो अपने हाथों और आस-पास की सफाई करें और डॉक्टर की सलाह ले.
इसके रोकथाम के लिए मास्क पहनें, हाथों की स्वच्छता बनाए रखें साथ ही कोविड-19 के समान अन्य उपायों का भी पालन करें.
एडेनोवायरस स्ट्रेन से पश्चिम बंगाल है प्रभावित:
ICMR-NICED के अनुसार, मामलों में मौजूदा स्पाइक को एडेनोवायरस के स्ट्रेन 3 और 7 के संयोजन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. जबकि स्ट्रेन 3 वायरस का सबसे अधिक पाया जाने वाला जीनोटाइप है.
स्ट्रेन 7 सौ से अधिक एडेनोवायरस स्ट्रेन में से सबसे घातक है, जिसके बारे में हम जानते हैं, जो इस जोड़ी को विशेष रूप से घातक और महत्वपूर्ण चिंता का कारण बनाता है.
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