भारत और अफगानिस्तान के संबंधों को मजबूती प्रदान करते हुए दोनों देशों के मध्य 19 जून 2017 को हवाई कॉरिडोर स्थापित किया गया. इस कॉरिडोर का उद्घाटन अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा किया गया. इसकी शुरुआत काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से की गयी, यह कॉरिडोर पाकिस्तान को बाईपास करते हुए भारत तक बनाया गया है.
इस हवाई कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद एक मालवाहक जहाज काबुल से दिल्ली पहुंचा. विमान के 60 टन माल में से अधिकतर हींग थी. विमान की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, नागरिक उड्डयन मंत्री गजपति राजू, विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर ने अगवानी की.
भारत-अफगानिस्तान हवाई कॉरिडोर
• हवाई कॉरिडोर से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा.
• अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण दूसरे देशों से तटस्थ अफगानिस्तान को भारत के बाजारों तक पहुंच मिलेगी.
• इससे अफगानिस्तान के किसानों को खराब होने वाली वस्तुओं की भारतीय बाजारों तक जल्द और सीधी पहुंच से लाभ मिलेगा.
• इस संबंध में सितंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच बैठक में निर्णय लिया गया था.
• दूसरे विमान में 40 टन ड्राई फ्रूट भारत लाया जायेगा.
अफगान चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एसीसीआई) वित्तीय उपप्रमुख तवाफिक दवारी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि हर सप्ताह पांच विमान काबुल और कंधार से भारत के लिए उड़ान भरेंगे.
पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच सीधा हवाई संपर्क समृद्धि लेकर आएगा. उन्होंने कहा, 'मैं राष्ट्रपति अशरफ गनी को उनकी इस पहल के लिए धन्यवाद देता हूं.'
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