वायु प्रदूषण से हर साल 6,00,000 बच्चों की मौत: डब्ल्यूएचओ

Nov 1, 2018, 11:16 IST

डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में प्रदूषण के कारण 2016 में करीब एक लाख से अधिक बच्चों को जान गवांनी पड़ी है. रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों की मौत का कारण भारत की जहरीली होती हवा है.

Air Pollution Kills 600,000 Children Each Year: World Health Organization
Air Pollution Kills 600,000 Children Each Year: World Health Organization

वायु प्रदूषण से हर साल 6,00,000 बच्चों की मौत हो जाती है जो  पांच साल से कम उम्र के होते हैं. यह दावा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है.

डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में प्रदूषण के कारण 2016 में करीब एक लाख से अधिक बच्चों को जान गवांनी पड़ी है. रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों की मौत का कारण भारत की जहरीली होती हवा है.

रिपोर्ट से संबंधित मुख्य तथ्य:

•   रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत के मामले में भारत पूरी दुनिया में पहले नंबर पर है. देश में पीएम 2.5 कणों के कारण हवा प्रदूषित होती जा रही है.

•   दूसरे नंबर पर नाइजीरिया है जहां 47,674 बच्‍चों की मौत हो गई. इसके बाद पाकिस्‍तान में 21,136 बच्‍चे और कांगो में 12,890 बच्चों की वायु प्रदूषण के कारण मौत हुई है.

•   रिपोर्ट के मुताबिक इस आयु वर्ग में मारे गए बच्चों में लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक है. भारत में 2016 में 32,889 लड़कियों की मौत इसी कारण से हुई है. वहीं, पांच से 14 साल के 4,360 बच्चों को वायु प्रदूषण के कारण जान गवांनी पड़ी है. सभी उम्र के बच्‍चों को मिलाकर देखें तो वायु प्रदूषण से करीब एक लाख दस हजार बच्‍चों की मौत हो गई है.

•   इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अब करीब 20 लाख लोगों की मौत प्रदूषण की वजह से हुई है जो पूरी दुनिया में इस कारण से हुई मौतों का 25 प्रतिशत है.

प्रदूषित इलाकों में रहने वाले बच्चों की संख्या:

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय की गई वायु गुणवता के मानकों से नीचे लगभग 62 करोड़ बच्चे अपना जीवन जी रहे हैं. उसके बाद 52 करोड़ बच्चे अफ्रीका में और पश्चिमी एशिया एंव प्रशांत क्षेत्र के प्रदूषित इलाकों में रहने वाले बच्चों की संख्या लगभग 45 करोड़ है.

दिल्ली में हवा की क्वालिटी में लगातार गिरावट आ रही है. पीएम 2.5 का स्तर दो सौ सत्तरह तक पहुंच गया है.

            पीएम 2.5 और पीएम 10 क्या होता है?

पीएम का अर्थ है पार्टिकुलेट मैटर. प्रदूषण मापने के लिए इसकी संख्या में वृद्धि को मापा जाता है. वायु में पीएम 2.5 की मात्रा 60 और पीएम 10 की मात्रा 100 होने तक हवा को सांस लेने के लिए सुरक्षित माना जाता है. पिछले दिनों दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 600 के आसपास था जिससे शहर की हवा को सांस लेने के लिए बेहद हानिकारक माना जा रहा था.पीएम 2.5 हवा में घुलने वाला बेहद छोटा पदार्थ है जब हवा में पीएम 2.5 का स्तर बढ़ता है तो इससे धुंध जैसी स्थिति बन जाती है. इसी प्रकार, पीएम 10 को रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर कहते हैं जो कि बेहद छोटे कण होते हैं, इसमें धूल, गर्द और धातु के सूक्ष्म कण शामिल होते हैं.

प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला:

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर और बढ़ने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि प्रशासन की रोक और चेतावनी के बावजूद हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की वजह से दिल्ली की हवा में प्रदूषण बढ़ा है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर 2018 को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पेट्रोल के 15 साल पुराने और डीजल के 10 साल पुराने वाहनों पर बैन लगा दिया.

नाइट्रोजन ऑक्साइड तीन सबसे बड़े 'हॉटस्पॉट':

ग्रीनपीस द्वारा जारी एक रिपोर्ट में भारत के प्रदूषण स्तर की बहुत ही भयावह तस्वीर जारी की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन के विश्व के तीन सबसे बड़े ‘हॉटस्पॉट’ भारत में हैं और इनमें से एक दिल्ली-एनसीआर में है. पीएम 2.5 और ओजोन के निर्माण के लिए नाइट्रोजन ऑक्साइड जिम्मेदार होता है. रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर सेटेलाइट डाटा के विश्लेषण के मुताबिक कोयला और परिवहन उत्सर्जन के दो प्रमुख स्त्रोत हैं.

एक तिहाई मौतों का कारण वायु प्रदूषण:

डब्ल्यूएचओ के अनुसार स्ट्रोक, फेफड़ों (लंग) के कैंसर और हृदय रोगों से होने वाली एक तिहाई मौतों का कारण वायु प्रदूषण है जो तंबाकू के सेवन से होने वाले प्रभावों के बराबर है. इसके अलावा, निम्न और मध्यम आय वर्ग वाले देशों में 97% शहर (1,00,000 आबादी) डब्ल्यूएचओ के मानकों का पालन नहीं करते हैं.

यह भी पढ़ें: पटाखों की बिक्री पर रोक नहीं, लेकिन कुछ शर्तें लागू रहेंगी: सुप्रीम कोर्ट

 

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News