वायु प्रदूषण के बढ़ने से शरीर में खनिज की मात्रा कम होने के कारण हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ सकता है. ‘द लैनसेट प्लैनेटरी हेल्थ’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पहली बार अस्पताल में उन समुदायों के लोगों के हड्डियां टूटने के मामलों के बारे में जानकारी दी गई है, जहां पार्टिक्यूलेट मैटर उच्च स्तर पर हैं, जो कि वायु प्रदूषण का उच्च घटक है.
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शोधकर्ता ने कहा कि कम आय वाले समुदायों में हड्डियां टूटने का खतरा सबसे अधिक है.अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय के ‘मेलमैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ की एंड्रिया बेक्केरली ने कहा की हमारे अध्ययन में पाया गए स्वच्छ वायु के कई लाभों में, हड्डियों की मजबूती और उन्हें टूटने से बचाना भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि दशकों से किए जा रहे अध्ययनों में पाया गया है कि हृदय और श्वास रोग से लेकर कैंसर और खराब अनुभूतियों सहित कई मामलों में वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए खतरा है और अब यह ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों संबंधी रोग) का भी मुख्य कारण बनकर उभर रहा है.
वायु प्रदूषण:
वायु प्रदूषण वर्तमान समय पूरे विश्व में विशेषरुप से औद्योगिकीकरण के कारण बड़े शहरों में सबसे बड़ी समस्या है. पर्यावरण में धूंध, धुआं, विविक्त, ठोस पदार्थों आदि का रिसाव शहर के वातावरण को संकेन्द्रित करता है जिसके कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी खतरनाक बीमारी हो जाती हैं.
वायु प्रदूषण के कारण समतापमंडल से हुए ओज़ोन रिक्तीकरण को बहुत पहले से मानव स्वास्थ्य के साथ के पारस्थितिकी तंत्र के लिए खतरे के रूप में पहचाना गया है. वायु प्रदूषण पूरी वायुमंडलीय हवा में बाह्य तत्वों का मिश्रण है. उद्योगों और मोटर वाहनों से उत्सर्जित हानिकारक और बिषैली गैसें मौसम, पेड़-पौधों और मनुष्य सभी को बहुत हानि पहुँचाती हैं.
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