विश्व बैंक द्वारा समर्थित स्वच्छ भारत विज्ञापन अभियान को फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार द्वारा 27 मई 2018 को नई दिल्ली में लॉन्च किया गया. इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण भारत में शौचालय के उपयोग को बढ़ावा देना है.
राजधानी में आयोजित ‘शौचालय प्रौद्योगिकी के लिए कलक्टर्स कन्वेंशन’ में यह अभियान शुरू किया गया. यह अभियान ग्रामीण भारत में दोहरे गड्ढों वाली शौचालय प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने पर केंद्रित है और इस विज्ञापन में अक्षय कुमार के साथ-साथ अभिनेत्री भूमि पेडनेकर भी शामिल हैं.
विज्ञापन अभियान
यह विज्ञापन अभियान मास मीडिया के उपयोग के जरिए दोहरे गड्ढे वाले शौचालय के प्रयोग को प्रोत्साहित करने का एक ठोस प्रयास है जिसे विश्व बैंक का समर्थन प्राप्त है. यह विज्ञापन स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के यूट्यूब चैनल (लिंक: tinyurl.com/sbmgramin) पर उपलब्ध है. इसका अनुवाद कई क्षेत्रीय भाषाओं में किया जाएगा, और हिंदी संस्करण का प्रसारण तत्काल प्रभाव से टेलीविजन चैनलों पर शुरू हो जाएगा.
अभियान की आवश्यकता |
अक्षय कुमार ने स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े पदाधिकारियों, जिला कलक्टरों, संचार विशेषज्ञों और मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि देश भर में शौचालय की आवश्यकता पर खुलकर बात होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह इसलिए जरुरी है क्योंकि परिवार के सदस्यों द्वारा स्वयं ही शौचालय की सफाई करने का उपहास उड़ाने की प्रवृत्ति को खत्म किया जा सके. |
विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिशें
• भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दोहरे गड्ढे वाले शौचालय के उपयोग की सिफारिश की जाती रही है.
• दोहरे गड्ढों वाली शौचालय प्रौद्योगिकी का आविष्कार भारत में किया गया था और यह ग्रामीण भारत के लिए सबसे उपयुक्त शौचालय तकनीक है. यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है कि इसका उपयोग सहज और बेहतर है.
• मानक दोहरे गड्ढों वाले शौचालय मॉडल में एक गड्ढा 6 सदस्यों वाले परिवार द्वारा उपयोग करने पर मोटे तौर पर 5 वर्षों में भर जाता है.
• अपशिष्ट को इसके बाद दूसरे गड्ढे में आसानी से डाला जा सकता है.
• 6 माह से लेकर 1 वर्ष में भरे हुए गड्ढे में अपशिष्ट पूरी तरह से नष्ट हो जाता है.
• यह विघटित अपशिष्ट संचालन की दृष्टि से सुरक्षित रहता है और इसमें एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम) पोषक तत्व बड़ी मात्रा में रहते हैं जो इसे कृषि में उपयोग के लिए अत्यंत उपयुक्त बना देता है.
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