भारतीय नौसेना मार्च 2018 के दूसरे हफ्ते में अंडमान निकोबार में अब तक के सबसे बड़े समुद्री नौसैनिक अभ्यास मिलन-2018 का आयोजन करने जा रही है.
मिलन-2018:
• यह युद्धाभ्यास नौसेना के अंडमान निकोबार कमांड के तत्वावधान में पोर्ट ब्लेयर में 06 मार्च से 13 मार्च तक आयोजित किया जायेगा.
• युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने के लिए पहली बार एक साथ दुनिया के 22 देशों की नौसेना भारत में जुटेगी.
• हिंद महासागर में अंडमान निकोबार द्वीप समूह के आसपास के हजारों वर्गमील समुद्री क्षेत्र में होने वाले इस युद्धाभ्यास के दौरान भारत सहित सभी 22 देशों की नौसेना अपने-अपने युद्धपोतों के साथ शक्ति का प्रदर्शन भी करेंगे.
• इस बार इस युद्धाभ्यास में गैरकानूनी समुद्री गतिविधियों से निपटने के लिए क्षेत्रीय सहयोग पर ज्यादा फोकस किया जायेगा.
वीडियो: इस सप्ताह के करेंट अफेयर्स घटनाक्रम जानने के लिए देखें
उद्देश्य:
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में किसी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक लगाना है. सात दिनों तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में युद्धपोतों पर सवार नौसैनिक युद्ध और प्राकृतिक आपदा से निपटने समेत आपसी तालमेल बढ़ाने जैसी तकनिक पर मिलकर काम करेंगे.
बचाव कार्यों का अभ्यास, एंटी पायरेसी ऑपरेशंस, सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशंस, विभिन्न देशों के चेतावनी संकेतों, लॉजिस्टिक मैनेजमेंट, प्राकृतिक आपदाओं के किट और उनकी डिलीवरी के तंत्र को भी परखा जाएगा.
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान को छोड़कर हिंद महासागर के तट से लगे लगभग सभी देश इसमें हिस्सा लेंगे.
मिलन: विकास
पहली बार मिलन वर्ष 1995 में आयोजित किया गया था. मिलन अभ्यास का मकसद पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया की नौसेनाओं के दोस्ताना संबंधों को बढ़ावा देना है. यह भारत-प्रशांत क्षेत्र में हमारे पड़ोसी देशों की सुरक्षा और स्थिरता के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है. समुद्री क्षेत्र में स्थिरता और समुद्री मार्गों से कारोबार को देखते हुए यह अभ्यास काफी अहम है.
यह भी पढ़ें: भारत ने परमाणु क्षमता से लैस 'धनुष' मिसाइल का परीक्षण किया
Comments
All Comments (0)
Join the conversation