भारत ने 23 फरवरी 2018 को ओड़िशा तट के पास एक नौसैनिक पोत से परमाणु क्षमता युक्त धनुष बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. सतह से सतह पर मार करने वाली इस मिसाइल का परीक्षण बंगाल की खाड़ी में पारादीप के पास तैनात पोत से किया गया.
मिसाइल परीक्षण एवं इसकी उड़ान के प्रदर्शन की निगरानी ओड़िशा तट में रेडार सुविधाओं और डीआरडीओ की टेलीमेट्री (दूरमापी) से की गई.
भारत ने इससे पहले 21 फरवरी 2018 को देश में निर्मित एवं परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम तथा 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली पृथ्वी-2 मिसाइल का ओडिशा के एक परीक्षण केंद्र से सफल परीक्षण किया था.
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प्रमुख विवरण:
• धनुष मिसाइल स्वदेशी तकनीक से निर्मित पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र का नौसैनिक संस्करण है.
• धनुष मिसाइल 500 किलोग्राम पेलोड साथ लेकर जाने और जमीन एवं समुद्र में अपने लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है.
• भारतीय नौसेना की सामरिक बल कमान (एसएफसी) की ओर से प्रशिक्षण अभ्यास के तहत मिसाइल का प्रक्षेपण किया गया.
• एक चरण वाली मिसाइल धनुष को रक्षा सेवाओं में पहले ही शामिल किया जा चुका है.
• धनुष मिसाइल 8.53 मीटर लंबी और 0.9 मीटर चौड़ी है.
• यह मिसाइल 350 किलोमीटर तक मार कर सकती है.
पृष्ठभूमि:
यह एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित पांच मिसाइलों में से एक है. अंतिम सफल परीक्षण 09 अप्रैल 2015 को हुआ था. इस सटीक परीक्षण से पहले 18 जनवरी 2018 को अग्नि-5, छह फरवरी 2018 को अग्नि-1 और 20 फरवरी 2018 को अग्नि-2 का ओडिशा अपतटीय क्षेत्र स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से सफल परीक्षण किया गया था.
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