अंशू जामसेन्पा ने 16 मई 2017 को विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को चौथी बार फतह कर लिया है. इसके साथ ही वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं.
उन्होंने 13 मई 2017 को अपनी चढ़ाई शुरू की थी और 16 मई 2017 को उन्होंने एवरेस्ट पहुंच कर राष्ट्रध्वज फहरा दिया.
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने अंशू जामसेन्पा को हरी झंडी दिखाकर एवरेस्ट की दोहरी चढ़ाई के लिए रवाना किया था. अब उनका सपना पांचवीं बार इसपर चढ़ाई करने का है. इसके लिए अरुणाचल प्रदेश की यह पर्वतारोही विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर दस दिन के भीतर फिर से चढ़ेंगी.
अंशू जामसेन्पा अगर इस बार अपने इस दोहरे अभियान में सफल हो जाती हैं, तो वह माउंट एवरेस्ट पर पांच बार चढ़ाई करने का एक नया रिकॉर्ड बनाएंगी.
अंशू जामसेन्पा ने इससे पहले मई 2011 में दो बार माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की थी और इसके बाद उन्होंने 18 मई 2013 को तीसरी बार फिर इसे फतह किया.
अंशू जामसेन्पा वर्ष 2012-2013 में स्वच्छ भारत अभियान की ब्रैंड ऐंबैसडर रह चुकी हैं.
माउंट एवरेस्ट:
• माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर है, जिसकी ऊँचाई 8,850 मीटर है.
• यह नेपाल में स्थित है.
• नेपाल में इसे स्थानीय लोग सागरमाथा के नाम से जानते हैं.
• वैज्ञानिक सर्वेक्षणों में कहा जाता है कि इसकी ऊंचाई प्रतिवर्ष 2 से॰मी॰ के हिसाब से बढ़ रही है.
• संस्कृत में एवरेस्ट पर्वत को देवगिरि और तिब्बत में सदियों से चोमोलंगमा अर्थात् पर्वतों की रानी के नाम से जाना जाता रहा है.
• माउंट एवरेस्ट का अंग्रेजी नाम इंग्लैंड के जार्ज एवरेस्ट पर रखा गया है. वे एक वैज्ञानिक थे जिन्होंने वर्ष 1830 से वर्ष 1843 के बीच भारत की ऊंची चोटियों का सर्वेक्षण किया था.
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