चीन द्वारा समर्थित एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) ने भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड के लिए 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इक्विटी निवेश ऋण जारी किया. यह ऋण निजी परियोजनाओं को निधि देने के लिए बैंक का पहला इक्विटी निवेश है.
एआईआईबी द्वारा जारी 150 मिलियन डॉलर की ऋण राशि भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड में जाएगी. इसका उद्देश्य भारत की मिड-कैप इंफ्रास्ट्रक्चर कम्पनियों में निवेश करना है.
एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक ने दो ऋण एवं एक इक्विटी निवेश के रूप में कुल 324 मिलियन डॉलर की सहयोगी राशि जारी की है. यह राशि भारत, जॉर्जिया एवं तजाकिस्तान को दी जाएगी. जॉर्जिया और तजाकिस्तान को यह ऋण देश में परिवहन एवं उर्जा परियोजनाओं का विकास करने के उद्देश्य से जारी किया गया है. इस पहल से स्थानीय बुनियादी ढांचे के विकास को लाभ की उम्मीद है क्योंकि यह वैश्विक दीर्घकालिक निवेशकों जैसे निजी पेंशन फंड, एंडोमेंट्स और बीमा कंपनियों से निजी पूंजी प्रवाह को बढ़ाएगा.
एआईआईबी
एशियन इंफ्रास्र्नक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) चीन द्वारा समर्थित एक बहुपक्षीय विकास बैंक है. इसे विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जाता है. इसका संचालन जनवरी 2016 से आरंभ हुआ. बैंक की स्थापना एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ऊर्जा, परिवहन, शहरी निर्माण और रसद के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं सहित विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए की गई थी.
एआईआईबी में अधिकारिक रूप से 57 फंडिंग सदस्य हैं लेकिन मई 2017 से केवल 52 सदस्य ही इसके सदस्य रह गये हैं. बैंक के लिए 100 मिलियन डॉलर अधिकृत पूँजी है तथा इसका मुख्यालय बीजिंग में है.
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