असम सरकार ने 01 सितंबर 2021 को राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलकर ओरंग राष्ट्रीय उद्यान कर दिया है. असम की बीजेपी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम ओरंग राष्ट्रीय उद्यान से हटा दिया है.
राज्य सरकार का दावा है कि नाम बदलने के लिए कई संगठनों द्वारा राज्य सरकार से संपर्क करने के बाद यह निर्णय लिया गया है. हिमंत बिस्वा सरकार ने यह फैसला टी ट्राइब्स कम्युनिटी की तरफ से उठाई गई मांग के 48 घंटे के भीतर लिया है.
नाम क्यों हटाया गया?
असम सरकार के अनुसार, स्थानीय लोगों की मांग के बाद राजीव गांधी के नाम को हटाकर केवल ओरंग राष्ट्रीय उद्यान नाम रखा गया है. ये बदलाव स्थानीय चाय बाग़ान से जुड़ी जनजाति की मांग पर किया गया है. राज्य सरकार का दावा है कि नाम बदलने के लिए कई संगठनों द्वारा राज्य सरकार से संपर्क करने के बाद यह निर्णय लिया गया है.
ओरंग राष्ट्रीय उद्यान के बारे में
ओरंग राष्ट्रीय उद्यान देश का एक राष्ट्रीय उद्यान है, जो असम के दरांग और सोनितपुर जिलों में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित है. इसमें 79.28 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल है. इसे साल 1985 में एक अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था और 13 अप्रैल 1999 को एक राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था.
ओरंग राष्ट्रीय उद्यान में एक समृद्ध वनस्पति और जीव हैं. इनमें भारतीय गैंडे, पिग्मी हॉग, एशियाई हाथी, जंगली जल भैंस और बंगाल टाइगर शामिल हैं. यह ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर गैंडों का एकमात्र गढ़ है. इस राष्ट्रीय उद्यान में देश में रॉयल बंगाल टाइगर्स का सबसे अधिक घनत्व है.
ओरंग वन्यजीव अभयारण्य का नाम मूल रूप से साल 1992 में राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था लेकिन कांग्रेस की तरुण गोगोई सरकार द्वारा साल 2001 में इसे राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान के रूप में राष्ट्रीय बनाया गया था.
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार
हाल ही में खेल रत्न पुरस्कार के नाम से भी राजीव गांधी का नाम हटाया गया है. मोदी सरकार ने ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ का नाम ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ कर दिया. यह फैसला तब लिया गया, जब भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल बाद रियो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतकर ओलम्पिक में पदक का सूखा खत्म किया था.
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