अनुसंधानकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने प्रोक्सिमा बी नामक पृथ्वी जैसे एक ग्रह के अस्तित्व की पुष्टि की है. अत्याधुनिक खगोलीय उपकरणों के उपयोग के माध्यम से यह बताया गया है कि पृथ्वी जैसा यह ग्रह हमारे सौर मंडल के सबसे निकट के तारे, प्रोक्सिमा सेंटॉरी की परिक्रमा कर रहा है.
जर्नल एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स में प्रकाशन के लिए स्वीकार किए गए इस अनुसंधान से संबंधित दस्तावेज के प्रमुख लेखक, एलेजांद्रो सुआरेज़ मस्कारीनो ने यह उल्लेख किया है कि प्रोक्सिमा बी के अस्तित्व की पुष्टि करना एक आवश्यक कार्य था और यह सबसे दिलचस्प ग्रहों में से एक है, जिसके बारे में अपने सौर मंडल के पड़ोस में जानकारी मिली है.
वर्ष 2016 में, प्रोक्सिमा बी को पहली बार HARPS (हघ एक्यूरेसी रेडियल वेलोसिटी प्लैनेट सर्चर) का उपयोग करके खोजा गया था, जोकि एक ग्रह-खोजी स्पेक्ट्रोग्राफ है जिसे चिली की ला सिला ऑब्ज़र्वेटरी में लगी दूरबीनों में से एक पर लगाया गया है.
पृथ्वी जैसे एक ग्रह के अस्तित्व की पुष्टि:
अनुसंधानकर्ताओं ने यह पाया कि पृथ्वी जैसा एक ग्रह प्रोक्सिमा बी पृथ्वी के द्रव्यमान का 1.17 गुना है जो कि 1.3 गुना के पूर्वानुमान से छोटा है. यह ग्रह सिर्फ 11.2 दिनों में अपने तारे की एक परिक्रमा पूरी कर लेता है.
वर्ष 2019 के नोबेल पुरस्कार विजेता, मिशेल मेयर ने कहा कि पूरी सटीकता के साथ दूर के किसी ग्रह के द्रव्यमान का पता लगाना अब तक अनसुना था. उन्होंने ऐसी तकनीक के लिए आधार तैयार किया जिसने इस खोज को संभव बनाया.
अनुसंधानकर्ता ने EXPRESSO के साथ ग्रह के बारे में सटीक जानकारी देने में सक्षम हुए हैं. एक्सप्रेसो चिली की ऑब्जर्वेटरी में एक नई पीढ़ी का स्पेक्ट्रोग्राफ है, जिसे HARPS से तीन गुना अधिक सटीकता प्रदान करने का गौरव प्राप्त है.
स्विट्जरलैंड के जिनेवा विश्वविद्यालय में खगोल विज्ञान के प्रोफेसर और EXPRESSO के लीडर, फ्रांसेस्को पेपे ने बताया कि अनुसंधानकर्ता HARPS के प्रदर्शन से बहुत खुश थे जो पिछले 17 वर्षों में सैकड़ों एक्सोप्लैनेट की खोज के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने आगे कहा कि हमें खुशी है कि ESPRESSO बेहतर माप/ जानकारी प्रदान कर सकता है और यह उस टीम वर्क के लिए संतुष्टिदायक रहा है जो 10 वर्षों तक चला है.
क्या कोई ऐसा वायुमंडल है जो नए ग्रह की रक्षा करता है?
इस तथ्य के अलावा कि, प्रोक्सिमा बी अपने तारे की इतनी निकट से परिक्रमा करता है, उसे अपने तारे से उतनी ही ऊर्जा प्राप्त होती है, जितनी हमारी पृथ्वी सूर्य से करती है. इसने खगोलविदों को संभावित बाहरी जीवन की संभावना के बारे में उत्साहित कर दिया है.
जो बात खगोलविदों को चिंतित करती है, वह यह है कि प्रोक्सिमा सेंटॉरी भयंकर मात्रा में अपनी एक्स रे किरणों के साथ अपने आसपास के क्षेत्र में स्थित ग्रहों पर बमबारी करती है. हमारी पृथ्वी जो ऊर्जा सूर्य से प्राप्त करती है, प्रोक्सिमा बी उससे लगभग 400 गुना अधिक ऊर्जा प्राप्त करता है.
अध्ययन के सह-लेखक के अनुसार, ESPRESSO पर काम करने वाले एक अनुसंधानकर्ता क्रिस्टोफ़ लोविस ने कहा है कि, इससे एक सवाल उठता है कि क्या ऐसा कोई वायुमंडल है जो इन घातक किरणों से ग्रह की रक्षा करेगा. लोविस आगे कहते हैं कि, एक उम्मीद है कि अगली पीढ़ी के स्पेक्ट्रोग्राफ, जो कि ESPRESSO के उत्तराधिकारी होंगे, या ‘RISTRETTO’ जो पहले से ही काम कर रहा है, हमें कुछ जवाब खोजने में सहायता करेंगे.
प्रोक्सिमा बी को करीब से देखने के लिए, आज की प्रोपल्शन तकनीक का उपयोग करके वहां पहुंचने में कई हजार साल लगेंगे क्योंकि प्रोक्सिमा सेंटौरी सूर्य से केवल 4.2 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है.
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