अयोध्या विवाद पर 29 अक्टूबर से होगी सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट

Sep 27, 2018, 17:34 IST

इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि यह मसला अयोध्या मामले से बिल्कुल अलग है. इस फैसले के आने के बाद अब बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि विवाद की सुनवाई शुरू हो सकेगी.

Ayodhya case SC declines to refer to five judge bench
Ayodhya case SC declines to refer to five judge bench

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले की सुनवाई करते हुए 27 सितंबर 2018 को अहम फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद में नमाज पढ़ने को इस्लाम का अभिन्न हिस्सा मानने से जुड़े मामले को बड़ी बेंच को भेजने से इनकार कर दिया है.

इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि यह मसला अयोध्या मामले से बिल्कुल अलग है. इस फैसले के आने के बाद अब बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि विवाद की सुनवाई शुरू हो सकेगी.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

•    जस्टिस अशोक भूषण और चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने इस मामले को संविधान पीठ में भेजने से इनकार कर दिया है.

•    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्ष 1994 के एक फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है.

•    कोर्ट के अनुसार मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम धर्म का अभिन्न अंग नहीं है.

•    इस फैसले का असर होगा कि राम जन्मभूमि विवाद पर अब सुनवाई शुरू हो जाएगी. जो पिछले सात साल से रूकी हुई है.

•    तीन जजों की पीठ में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण ने इस मामले को बड़ी बेंच में भेजने से मना कर दिया. वहीं जस्टिस नजीर इस मामले को बड़ी बेंच में भेजना चाहते थे.

•    जस्टिस नजीर ने कहा, “इस मामले को बड़ी बेंच में भेजा जाना चाहिए था, क्योंकि इसका इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर हुआ था.”

 

क्या था मामला?

  • इस्माइल फारूकी ने अयोध्या में भूमि अधिग्रहण को चुनौती दी थी जिस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि नमाज पढ़ना मस्जिद का अनिवार्य हिस्सा नहीं है.
  • मुस्लिम समुदाय इससे सहमत नहीं था और वह चाहता था कि सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले पर दोबारा से विचार करे.
  • सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्षकारों की ओर से दलील दी गई थी कि मस्‍जिद में नमाज़ मामले पर जल्द निर्णय लिया जाए.
  • मुस्लिम समुदाय यह भी चाहता था कि मुख्य मामले से पहले 1994 के इस फैसले पर सुनवाई हो.
  • सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को इस मुद्दे पर फैसला सुरक्षित रखा था. इसके साथ ही राम जन्मभूमि में यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया गया था, ताकि हिंदू धर्म के लोग वहां पूजा कर सकें.

 

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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