12 अप्रैल 2016 को यूरोपीय आयोग ने एक विधायी प्रस्ताव पेश किया जिसमें यूरोपीय संघ में काम करने वाली बड़ी कंपनियों (करीब 6000) को उनके वेबसाइटों पर कर–संबंधी जानकारी देने की बात कही गई है.
कॉरपोरेट टैक्स कर चोरी करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए आयोग टैक्स हेवेन्स की कालीसूची बनाना चाहती है. प्रस्तावित निर्देश कंपनियों को अधिक जवाबदेही बनाने की आवश्यकता और उनके आकार की परवाह किए बगैर कंपनियों के बीच एक न्यायपूर्ण प्रतिस्पर्धा पैदा करने की जरूरत की बात करता है.
प्रस्ताव की मुख्य विशेषताएं
• 750 मिलियन यूरो या अधिक की सालाना कमाई करने वाली कंपनियों को यूरोपीय संघ में देश– दर– देश उनके द्वारा दिए जाने वाले कर का खुलासा करना होगा.
• उन्हें गतिविधियों के प्रकार, कर्मचारियों की संख्या, कुल शुद्ध टर्नओवर, कर देने से पहले का लाभ बकाया. आयकर की मात्रा और भुगतान किए गए कर की मात्रा एवं संचित कमाई वेबसाइट पर बतानी होगी.
पृष्ठभूमि
पिछले 18 महीनों से यूरोपीय आयोग इसी प्रस्ताव पर काम कर रहा था लेकिन पनामा की लॉ कंपनी मोसैक फोन्सेका से 11 मिलियन दस्तावेजों के लीक होने के तुरंत बाद इसमें संशोधन कर दिया गया.
पनामा पेपर्स लीक के बारे में सब कुछ यहां पढ़ें
लीक, जिसे पनामा पेपर लीक के नाम से जानते हैं, ने इस बात पर व्यापक अंतर्दृष्टि प्रदान की है कि कैसे दुनिया के अभिजात वर्ग सार्वजनिक खजाने में अपना हिस्सा देने से बचते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार यूरोपीय संघ को कॉरपोरेट कर न देने की वजह से सालाना 70 बिलियन यूरो का नुकसान होता है. उच्च कर वाले देशों में बड़ी कंपनियां छोटी कंपनियों की तुलना में औसतन 30 फीसदी कम कर का भुगतान करती हैं.
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