30 दिन में NRI शादी रजिस्टर नहीं हुई तो पासपोर्ट होगा जब्त: NRI विवाह पंजीकरण विधेयक-2019

Feb 14, 2019, 10:32 IST

एनआरआई विवाह पंजीकरण विधेयक विधेयक पारित हो जाने पर अनिवासी भारतीयों द्वारा की जाने वाली शादियों का पंजीकरण भारत अथवा विदेश स्थि‍त भारतीय मिशनों में कराना होगा.

Bill on Registration of Marriage of NRIs introduced in Rajya Sabha
Bill on Registration of Marriage of NRIs introduced in Rajya Sabha

एनआरआई (अनिवासी भारतीय) विवाह पंजीकरण विधेयक, 2019 हाल ही में राज्यसभा में पेश किया गया. इसका उद्देश्य अनिवासी भारतीयों की ज्यादा जवाबदेही सुनिश्चित करने के साथ-साथ भारतीय नागरिकों, विशेषकर एनआरआई जीवनसाथियों द्वारा अपनी-अपनी पत्नियों का उत्पीड़न करने के खिलाफ उन्हें अपेक्षाकृत अधिक संरक्षण प्रदान करना है.

एनआरआई विवाह पंजीकरण विधेयक-2019


•    विधेयक के कारणों एवं उद्देश्य में कहा गया कि भारतीय महिलाओं को अनिवासी भारतीयों द्वारा किए जाने वाले कपटपूर्ण विवाह से बचाने के लिए कुछ सुरक्षा उपाय करने की आवश्यकता है.

•    इसी के तहत भारत और भारत के बाहर होने वाले ऐसे विवाह को शादी की तारीख से 30 दिनों के भीतर पंजीकरण बनाया जाना अनिवार्य किया गया है.

•    इसके तहत यदि पासपोर्ट अधिकारी के संज्ञान में यह बात आती है कि किसी अनिवासी भारतीय ने अपने विवाह का पंजीकरण शादी की तारीख से 30 दिनों के भीतर नहीं करवाया है तो वह उसका पासपोर्ट अथवा यात्रा दस्तावेज जब्त या रद्द कर सकता है.

•    दंड प्रक्रिया संहिता के प्रस्तावित संशोधन के तहत अदालतें संबंधित अनिवासी भारतीय के खिलाफ भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की विशेष रूप से तैयार की गयी वेबसाइट के जरिये समन जारी कर सकती हैं.

•    इसके अलावा घोषित अपराधी की चल एवं अचल संपत्ति को कुर्क करने का भी इसमें प्रावधान किया गया है.

•    इस विधेयक में कानूनी रूपरेखा में संशोधन करने का प्रावधान किया गया है, ताकि इससे दोषी एनआरआई जीवनसाथियों पर लगाम लग सके एवं ज्यादा जवाबदेही सुनिश्चित हो सके और इसके साथ ही एनआरआई से विवाह करने वाले भारतीय नागरिकों को उत्पीड़न के खिलाफ संरक्षण मिल सके.

•    विधेयक पारित हो जाने पर अनिवासी भारतीयों द्वारा की जाने वाली शादियों का पंजीकरण भारत अथवा विदेश स्थि‍त भारतीय मिशनों में कराना होगा और इसके लिए निम्नलिखित प्रावधानों में आवश्यक बदलाव करने होंगे:-

-    पासपोर्ट अधिनियम, 1967 में

-    धारा 86ए को शामिल करते हुए फौजदारी या दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 में

 


आवश्यकता एवं प्रभाव

•    भारत में अदालती कार्यवाही के लिए न्यायिक सम्मन जारी करना एक प्रमुख समस्या है, जिसके लिए इस विधेयक में आवश्यक प्रावधान किया जाएगा.

•    इसके लिए फौजदारी अथवा दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 में संशोधन किया जाएगा.

•    अत: इस विधेयक के फलस्वरूप अनिवासी भारतीयों से वि‍वाह करने वाली भारतीय नागरिकों को अपेक्षाकृत ज्यादा संरक्षण मिलेगा.

•    इसके साथ ही यह विधेयक अपनी जीवनसाथी का उत्पीड़न करने वाले अनिवासी भारतीयों पर लगाम लगाएगा.

•    इस विधेयक से विश्व भर में अनिवासी भारतीयों से विवाह कर चुकी भारतीय महिलाएं लाभान्वित होंगी.

 

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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