ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने बायोलॉजिकल-ई के कोविड वैक्सीन कॉर्बेवैक्स (Corbevax) को बूस्टर शॉट्स के रूप में परीक्षण करने के लिए चरण तीन के परीक्षण के लिए मंजूरी दे दी है. भारत बायोटेक के बाद बायोलॉजिकल-ई लिमिटेड दूसरी कंपनी है जिसे बूस्टर डोज के लिए क्लीनिकल ट्रायल करने की मंजूरी मिली है.
विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, विशेषज्ञ समिति ने प्रस्तावित चरण तीन के क्लीनिकल ट्रायल के संचालन की अनुमति देने की सिफारिश की. इसके साथ ही कोविड-19 की दवा ‘मोलनुपिराविर’ (टैबलेट) के आपात स्थिति में नियंत्रित इस्तेमाल को भी इजाजत मिल गई है. इस तरह से देश में अब कोरोना के खिलाफ 8 वैक्सीनों को मंजूरी दी जा चुकी है.
10 जनवरी से बूस्टर डोज की शुरुआत
देश में 10 जनवरी से बूस्टर डोज की शुरुआत हो जाएगी, ऐसे में कंपनियां बूस्टर डोज (Booster Dose) के निर्माण को लेकर आंकड़े जुटा रही हैं. वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद बायोलॉजिकल-ई भी बूस्टर डोज की स्टडी के लिए व्यवस्थित तरीके से आंकड़े तैयार कर रही है.
#COVID19 | On the basis of approvals, Biological E is also generating the data in a systematic manner to study for booster dose: Sources
— ANI (@ANI) December 28, 2021
बूस्टर डोज की जरूरत
तीसरे लहर की संभावनाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में 60 साल से ऊपर के लोगों को बूस्टर डोज़ दिए जाने का घोषणा किया था. बूस्टर डोज की जरूरत को ध्यान में रखते कंपनी आने वाले समय में बूस्टर डोज के निर्माण पर भी फोकस करेगी.
कोरोना महामारी के खिलाफ भारत
कॉर्बेवैक्स कोरोना महामारी के खिलाफ भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है, जिसे DGCI से मंजूरी मिल गई है. वैक्सीन निर्माता कंपनी की वैश्विक स्तर पर एक अरब से ज्यादा अतिरिक्त डोज देने की योजना है. ये क्षमताएं हैदराबाद स्थित कंपनी को सरकार से किए गए वादे के अनुसार 300 मिलियन खुराक देने में सक्षम बनाएगी.
इस मंजूरी के तहत सबसे बहले बूस्टर खुराक पर अध्ययन छह और नौ महीने के दो समूहों में आयु-वार के साथ करना होगा वहीं उच्च जोखिम या गंभीर रोगों की स्थिति वाले 50 प्रतिशत विषयों को शामिल करना होगा. दूसरा यह कि सेफ्टी फॉलो-अप को नौ महीने तक बढ़ाया जाए.
कॉर्बेवैक्स का उत्पादन
बायोलॉजिकल-ई ने अपने कोविड-19 टीके कॉर्बेवैक्स का उत्पादन 7.5 करोड़ डोज प्रति महीने की दर से करने की योजना बनाई है. कंपनी ने हाल ही में एक बयान में कहा कि फरवरी, 2022 से वह कॉर्बेवैक्स टीके की हर महीने 10 करोड़ से अधिक खुराकों का उत्पादन कर पाने की स्थिति में होगी.
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