आर्थिक साझेदारी हेतु ब्रिक्स रणनीति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई दिल्ली में 12 से 14 अक्टूबर तक ब्रिक्स व्यापार मेला आयोजित किया जाएगा. 13 अक्टूबर को ब्रिक्स बिजनेस फोरम और 14 अक्टूबर को ब्रिक्स व्यापार परिषद के आयोजन से ब्रिक्स देशों को आपसी व्यापार में मदद मिलेगी.
ब्रिक्स के पहले ट्रेड फेयर और एग्जिबिशन के बाद गोवा में 15 और 16 अक्टूबर को ब्रिक्स का पॉलिटिकल समिट आयोजित किया जाएगा. सम्मेलन में ब्रिक्स देशों के वित्त, व्यापार, शिक्षा, कृषि, संचार, श्रम और स्वास्थ्य मंत्री, कार्यकारी समूहों और वरिष्ठ अधिकारी स्तर के लोग हिस्सा लेंगे. सम्मेलन का उद्घाटन उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी करेंगे और इसमें एक हजार से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.
ब्रिक्स देशों के बारे में-
- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की उभरती हुई अर्थव्यवस्था का समूह- ब्रिक्स अपने गठन के एक दशक के बाद एक शक्तिशाली वैश्विक आर्थिक गुट के रूप में उभरा है.
- ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में BIMSTEC (बीआईएमएसटीईसी) के सदस्य देश बांग्लादेश, भूटान, म्यामार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड भी हिस्सा ले रहे हैं.
- वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों तथा चुनौतियों से निपटने में ब्रिक्स एक गंभीर, प्रतिस्पर्धी और जिम्मेदार समूह बन गया है.
- विश्व से ब्रिक्स देशों में वस्तुओं का आयात 2012 के 2.95 ट्रिलियन डॉलर से बढकर 2014 में 3.03 ट्रिलियन डॉलर हो गया.
- ब्रिक्स देशों से वस्तुओं का निर्यात 2012 के 3.2 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2014 में 3.47 ट्रिलियन डॉलर हो गया.
- 2012 में अंतर-ब्रिक्स व्यापार 281.4 बिलियन डॉलर था, जो 2014 में बढ़कर 297 बिलियन डॉलर तक हो गया.
- ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार उनके कुल वैश्विक व्यापार के पांच प्रतिशत से भी कम है.
ब्रिक्स का उद्देश्य-
- इस समूह का प्रमुख एजेंडा वैश्विक शासन ढांचे में सुधार करना है.
- जिसका प्रभाव बदलते हुए वैश्विक परिदृश्य पर पड़ेगा. जहां उभरती हुई अर्थव्यवस्थओं की बड़ी भूमिका है.
- ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाओं का एक और एजेंडा बहुपक्षीय व्यापारिक पद्धति को स्थिर बनाए रखने हेतु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ कार्य करना है.
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