केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा आम बजट 2017-18 में आयकर रिटर्न समय पर न भरने पर जुर्माने का प्रावधान किया है. आगामी वित्त वर्ष में निर्धारित समय पर आयकर रिटर्न न भरने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना आयकर विभाग को ऐडा करना पड़ सकता है.
आम बजट 2017-18 में टैक्स उगाही के सम्बन्ध में कुछ ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिनसे आगामी वित्त वर्ष में आम लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं. इन नियमों को 01 अप्रैल 2018 से लागू किया जाना है और 2018-19 के एसेसमेंट वर्ष में प्रभावी होंगे.
आयकर कानून में लागू की गई नई धारा (23F) के तहत, रिटर्न भरने की अंतिम तिथि निकलने के बाद के 31 दिन में रिटर्न भरने पर 5000 रुपये का जुर्माना देना होगा.
अंतिम तिथि निकलने के 31 दिन से अधिक समय होने पर 10,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
टैक्स चोरी रोकने के उपाय-
- बजट 2017-18 में यह भी निर्धारित किया गया है कोई भी व्यक्ति एक दिन में तीन लाख रुपये ज्यादा का कैश ट्रांजैक्शन नहीं कर सकेगा.
- वाहन, मकान, गहने और दूसरी कीमती चीज़ों के खरीदते समय उपभोक्ता को ऑनलाइन पेमेंट या चेक से भुगतान करना होगा.
- इससे कोई भी लेन- देन आयकर विभाग की नजर में रहेगा और टैक्स चोरी की गुंजाइश सीमित हो जाती है.
- आयकर कानून में जोड़ी जाने वाली नई धारा (271 डीए) के तहत नियम तोड़ने वाले को बतौर जुर्माना उतने पैसे चुकाने होंगे, जो उन्होंने कैश पेमेंट की तय सीमा से ज्यादा भुगतान किए हैं.
कैश पेमेंट में छूट-
- कानून में यह छूट प्रदान की गयी है कि तय सीमा से ज्यादा कैश पेमेंट करने के उपयुक्त कारण बताने पर उन्हें इस जुर्माने से छूट प्रदान की जा सकती है.
- जुर्माना तय करने के अधिकार ज्वा्इंट कमिश्नर इनकम टैक्स के अधीन होगा.
- आम बजट के नए प्रावधानों के अनुसार नकद में कारोबार करने वाले कारोबारियों को मिलने वाली आयकर छूट भी कम हो जाएगी.
- कोई कारोबारी जमीन या वित्तीय उपकरण (कैपिटल एक्सपेंडीचर) आदि खरीदने हेतु एक दिन में 10,000 रुपये से ज्यादा का कैश पेमेंट करता है तो उसे अवमूल्यन के नियमों के तहत मिलाने वाली निर्धारित आयकर छूट नहीं मिलेगी.
- इसी प्रकार 20,000 रुपये से ज्यादा के कैश पेमेंट करने पर भी टैक्स छूट प्रदान नहीं की जाएगी.
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