केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 28 फरवरी 2018 को सीमा शुल्क से जुड़े मुद्दों में सहयोग और आपसी प्रशासनिक सहायता को लेकर भारत और जॉर्डन के बीच समझौते को मंजूरी दी है. यह मंजूरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई.
समझौते से सीमा शुल्क सम्बन्धी अपराधों की रोकथाम और उनकी जांच हेतु उपयुक्त सूचना उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी. इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ने और व्यापार की जाने वाली वस्तुओं को तेजी से मंजूरी मिलने की संभावना है.
समझौते से संबंधित मुख्य तथ्य:
- यह समझौता दोनों देशों के सीमा शुल्क अधिकारियों के बीच सूचना और समझ-बूझ को साझा करने हेतु एक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा और सीमा शुल्क कानूनों को उचित तरीके से लागू करने में मदद करेगा.
- यह समझौता सीमा शुल्क संबंधी अपराधों की रोकथाम और उनकी जांच तथा वैध व्यापार को सरल बनाने में भी मदद करेगा.
- समझौते के मसौदे को दोनों सीमा शुल्क प्रशासनों की सहमति से अंतिम रूप दे दिया गया है.
- समझौते का मसौदा भारतीय सीमा शुल्क की चिन्ताओं और जरूरतों, खासतौर से सीमा शुल्क मूल्य के औचित्य, तटकर वर्गीकरण और दोनों देशों के बीच व्यापार की जानेवाली वस्तुओं के उद्भव के बारे में सूचनाओं के आदान प्रदान के क्षेत्र को देखेगा.
भारत-जॉर्डन संबंध:
भारत एवं जॉर्डन के बीच बहुत गर्मजोशीपूर्ण एवं मैत्रीपूर्ण संबंध है. दोनों देशों के बीच विद्यमान परस्पर लाभप्रद संबंध भविष्य में और गहन एवं सुदृढ़ होगा. जॉर्डन में बहुत से भारतीयों का घर है, जिन्हें कपड़ा उद्योग, निर्माण एवं विनिर्माण क्षेत्रों, उर्वरक कंपनियों, स्वास्थ्य क्षेत्र, विश्वविद्यालयों, सूचना प्रौद्योगिकी, वित्तीय कंपनियों एवं बहुपक्षीय संगठनों में रोजगार मिला हुआ है.
दोनों देशों के बीच पर्यटन एवं सद्भाव को बढ़ावा देने के विचार से मिशन प्रचार सह पर्यटन से संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन के लिए अतिरिक्त प्रयास करता रहा है. इस समय जॉर्डन के बहुत से छात्र भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे. जॉर्डन में भारतीय कला एवं संस्कृति के प्रति गहरी रूचि है. सांस्कृतिक मंडलियों के दौरों, सांस्कृतिक प्रदर्शनियों के आयोजन आदि के रूप में नियमित सांस्कृतिक विनिमय ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने में सहायता किया है.
सीमा शुल्क:
सीमा शुल्क एक प्रकार का अप्रत्यक्ष कर है जो भारत में आयात तथा भारत से निर्यात माल पर लगाया जाता है. माल के आयात का अर्थ है भारत से बाहर के किसी स्थान से माल को भारत में लाना. माल के निर्यात का अर्थ है माल को भारत से बाहर किसी स्थान पर ले जाना.
भारत में सीमा शुल्क लगाने तथा वसूल करने का बुनियादी कानून सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 है. इसमें आयात और निर्यात पर शुल्क लगाने तथा वसूल करने, आयात या निर्यात प्रक्रिया, माल के आयात और निर्यात के प्रतिषेध, दंड, अपराध आदि संबंधी प्रावधान हैं.
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