महापत्तन प्राधिकरण विधेयक, 2016 में परिवर्तन को कैबिनेट की मंजूरी

महापत्तन प्राधिकरण विधेयक में संशोधन के अनुसार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप परियोजनाओं के लिए अधिनियम लागू होने के बाद रियायत प्राप्‍तकर्ता बाजार की शर्तों पर प्रशुल्‍क निर्धारित करने में स्‍वतंत्र होगा.

Feb 9, 2018, 12:51 IST
Cabinet approves changes in the Major Port Authorities Bill
Cabinet approves changes in the Major Port Authorities Bill

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद में लंबित महापत्तन प्राधिकरण विधेयक-2016 में सरकारी संशोधनों को शामिल करने की स्वीकृति दे दी है. यह संशोधन विभाग संबंधी संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं.

इसमें निम्नलिखित परिवर्तन शामिल किये गये हैं:

•    पत्तन में सेवारत कर्मचारियों में से पत्तन प्राधिकरण बोर्ड में नियुक्त किये जाने वाले श्रम प्रतिनिधियों की संख्या एक से दो तक बढ़ा दी गई है.

•    कर्मचारियों के हित का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया जाने वाला सदस्य तीन वर्ष के एक कार्यकाल के लिए पद पर बना रहेगा और लगातार दो बार से अधिक अवधि के लिए नहीं रहेगा. बोर्ड में उसकी सदस्यता उसके सेवानिवृत्त होने के साथ ही समाप्त हो जाएगी.

•    पत्तन प्राधिकरण बोर्ड में स्वतंत्र सदस्यों  की संख्या न्यूनतम दो से बढ़ाकर अब चार होगी.

•    महापत्तन न्यास अधिनियम 1963 के अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति जो न्यास बोर्ड से ऐसी किसी तारीख से पहले कोई सेवानिवृत्ति लाभ प्राप्त कर रहा था, वह बोर्ड से ऐसे लाभ प्राप्त करता रहेगा.

•    प्रत्येक महापत्तन का बोर्ड किसी विकास अथवा पत्तन सीमाओं के अंतर्गत और उनसे संबंधित भूमि पर बनी अवसंरचना और स्थापित की जाने वाली अवसंरचना के संबंध में विशिष्ट मास्टर प्लान तैयार करने के लिए हकदार है और मास्टर प्लान पर किसी स्थानीय अथवा राज्य‍ सरकार के किसी प्राधिकरण, जो भी हों, के विनियम लागू नहीं होंगे.

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•    पीपीपी परियोजनाओं के लिए अधिनियम के लागू होने के बाद रियायत प्राप्तकर्ता बाजार की शर्तों पर शुल्क निर्धारित करने में स्वतंत्र होगा.

•    इस अधिनियम के प्रावधान के अंतर्गत बोर्ड द्वारा अथवा बोर्ड की ओर से प्राप्त सभी धन पत्तनों के ऐसे सामान्य खाते और खातों में जमा किया जाएगा जो बोर्ड द्वारा वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार समय-समय पर किसी राष्ट्रीयकृत बैंक के साथ खोले जाने हैं.

•    एडजुकेटरी बोर्ड के पीठासीन अधिकारी और सदस्यों की तैनाती चयन समिति की सिफारिशों पर केन्द्र सरकार द्वारा की जाती है.

•    केंद्र सरकार एडजुकेटरी बोर्ड को पीठासीन अधिकारी अथवा किसी सदस्य को निर्धारित तरीके से हटाने का अधिकार प्राप्त हैं.

इनके अतिरिक्त निरस्तर और सेविंग के अंतर्गत एक सेविंग फंड रखा गया है ताकि बम्बई पत्तन न्यास अधिनियम, 1879 और कोलकाता पत्तन न्यास अधिनियम, 1890 के अंतर्गत सम्पत्ति के म्युनिसिपल आंकलन के संबंध में मुम्बई तथा कोलकाता पत्तन द्वारा प्राप्त किया जा रहा मौजूदा लाभ जारी रहेगा.

 

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद में लंबित महापत्‍तन प्राधिकरण विधेयक 2016 में सरकारी संशोधनों को शामिल करने की स्‍वीकृति दे दी है। यह संशोधन विभाग संबंधी संसदीय स्‍थायी समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं।

इसमें निम्‍नलिखित परिवर्तन शामिल किये गये हैं:

·         पत्‍तन में सेवारत कर्मचारियों में से पत्‍तन प्राधिकरण बोर्ड में नियुक्‍त किये जाने वाले श्रम प्रतिनिधियों की संख्‍या एक से दो तक बढा दी गई है.

 

·         कर्मचारियों के हित का प्रतिनिधित्‍व  करने के लिए नियुक्‍त किया जाने वाला सदस्‍य 3 वर्ष के एक कार्यकाल के लिए पद पर बना रहेगा और लगातार दो बार से अधिक अवधि के लिए नहीं रहेगा. बोर्ड में उसकी सदस्‍यता  उसके सेवानिवृत्‍त  होने के साथ ही समाप्‍त हो जाएगी.

 

·         पत्‍तन प्राधिकरण बोर्ड में स्‍वतंत्र सदस्‍यों  की संख्‍या न्‍यूनतम दो से अधिकतम चार होगी.

 

·         महापत्‍तन न्‍यास अधिनिम 1963 के अंतर्गत प्रत्‍येक व्‍यक्ति, जो न्‍यासी बोर्ड से ऐसी किसी तारीख से पहले कोई सेवानिवृत्ति लाभ प्राप्‍त कर रहा था, वह बोर्ड से ऐसे लाभ प्राप्‍त  करता रहेगा.

 

·         प्रत्‍येक महापत्‍तन का बोर्ड किसी विकास अथवा पत्‍तन सीमाओं के अंतर्गत और उनसे संबंधित भूमि पर बनी अवसंरचना और स्‍थापित की जाने वाली अवसंरचना के संबंध में विशिष्‍ट मास्‍टर प्‍लान तैयार करने के लिए हकदार है और मास्‍टर प्‍लान पर किसी स्‍थानीय अथवा राज्‍य सरकार के किसी प्राधिकरण, जो भी हों, के विनियम लागू नहीं होंगे.

 

·         पीपीपी परियोजनाओं के लिए अधिनियम के लागू होने के बाद रियायत प्राप्‍तकर्ता बाजार की शर्तों पर प्रशुल्‍क निर्धारित करने में स्‍वतंत्र होगा.

 

·         इस अधिनियम के प्रावधान के अंतर्गत बोर्ड द्वारा अथवा बोर्ड की ओर से प्राप्‍त सभी धन पत्‍तनों के ऐसे सामान्‍य खाते और खातों में जमा किया जाएगा जो बोर्ड द्वारा वित्‍त मंत्राल, भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार समय-समय पर किसी राष्‍ट्रीयकृत बैंक के साथ खोले जाने हैं.

 

·         एडजुकेटरी बोर्ड के पीठासीन अधिकारी और सदस्‍यों की तैनाती चयन समिति की सिफारिशों पर केन्‍द्र सरकार द्वारा की जाती है.

 

·         केंद्र सरकार एडजुकेटरी बोर्ड को पीठासीन अधिकारी अथवा किसी सदस्‍य को निर्धारित तरीकेसे हटाने का अधिकार प्राप्‍त हैं.

इनके अतिरिक्त निरस्‍त और सेविंग के अंतर्गत एक सेविंग फंड रखा गया है ताकि बम्‍बई पत्‍तन न्‍यास अधिनियम, 1879 और कोलकाता पत्‍तन न्‍यास अधिनियम, 1890 के अंतर्गत सम्‍पत्ति के म्‍युनिसिपल आंकलन के संबंध में मुम्‍बई तथा कोलकाता पत्‍तन द्वारा प्राप्‍त किया जा रहा मौजूदा लाभ जारी रहेगा.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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