केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शहरी विकास हेतु भारत और जापान के बीच सहयोग ज्ञापन को मंजूरी दी

Jun 3, 2021, 11:12 IST

समझौता-ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य भारत और जापान के बीच सतत शहरी विकास के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग को मजबूत बनाना है. 

Cabinet approves MoC between India and Japan on urban development in Hindi
Cabinet approves MoC between India and Japan on urban development in Hindi

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सतत शहरी विकास के लिए जापान के साथ सहयोग ज्ञापन (एमओसी) को 02 जून 2021 को अनुमति प्रदान कर दी. इसके माध्यम से रोजगार के अवसर सृजित किये जाने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को अनुमति दी गई.

सरकारी बयान के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सतत शहरी विकास के लिए भारत के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय तथा जापान के भूमि, आधारभूत ढांचा, परिवहन एवं पर्यटन मंत्रालय के बीच सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने को अनुमति दी. यह सहयोग ज्ञापन शहरी विकास के माध्यम से 2007 में किए गए समझौता-ज्ञापन का स्थान लेगा.

उद्देश्य

समझौता-ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य भारत और जापान के बीच सतत शहरी विकास के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग को मजबूत बनाना है. इसमें शहरी नियोजन, स्मार्ट सिटी विकास, सस्ते आवास (किराये के मकान सहित), शहरी बाढ़ प्रबंधन, सीवर और अपशिष्ट जल प्रबंधन, शहरी यातायात (बौद्धिक यातायात प्रबंधन प्रणाली, यातायात की सुविधा से लैस विकास और बहुपयोगी एकीकरण सहित) तथा आपदा का सामना करने योग्य विकास समेत सतत शहरी विकास से जुड़े विभिन्न पहलु शामिल हैं.

प्रभाव

समझौता-ज्ञापन से दोनों देशों के बीच सतत शहरी विकास के क्षेत्र में मजबूत, गहरे औरदीर्घकालिक द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. प्रस्तावित समझौता-ज्ञापन के जरिये उपरोक्त क्षेत्रों में उत्कृष्ट व्यवहारों और प्रमुख अनुभवों का आदान-प्रदान भी संभव होगा.

समझौते से संबंधित मुख्य तथ्य

•    इस सहयोग-ज्ञापन के तहत सहयोग कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करने और रणनीति तैयार करने हेतु एक संयुक्त कार्य-दल गठित किया जायेगा.

•    संयुक्त कार्य-दल की बैठक साल में एक बार होगी और इसे बारी-बारी से जापान और भारत में आयोजित किया जायेगा.

•    बयान के मुताबिक, इस सहयोग समझौता-ज्ञापन के तहत सहयोग उसी दिन से शुरू हो जायेगा, जिस दिन हस्ताक्षर किए जायेंगे.

•    समझौते की अवधि पांच साल है. पांच साल की अवधि पूरी होने पर उसका नवीनीकरण अगले पांच साल के लिए अपने-आप हो जायेगा.

•    सरकार का मानना है कि समझौता-ज्ञापन से दोनों देशों के बीच सतत शहरी विकास के क्षेत्र में मजबूत, गहरे और दीर्घकालिक द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा.

भारत-जापान संबंध

भारत और जापान के संबंध हमेशा से काफ़ी मजबूत और स्थिर रहे हैं. जापान की संस्कृति पर भारत में जन्मे बौद्ध धर्म का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है. भारत की स्वतंत्रता के बाद से भी अब तक दोनों देशों के बीच मधुर संबंध रहे हैं. जापान की कई कम्पनियाँ जैसे कि सोनी, टोयोटा और होंडा ने अपनी उत्पादन इकाइयाँ भारत में स्थापित की हैं और भारत की आर्थिक विकास में योगदान दिया है.

भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान भी जापान की शाही सेना ने सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज को सहायता प्रदान की थी. भारत की स्वतंत्रता के बाद से भी अब तक दोनों देशों के बीच मधुर संबंध रहे हैं. भारत और जापान के बीच भी करीबी सैन्य संबंध हैं. उन्होंने एशिया-प्रशांत और हिंद महासागर में समुद्री लेन की सुरक्षा को बनाए रखने और अंतरराष्ट्रीय अपराध, आतंकवाद, समुद्री डकैती और सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार से निपटने हेतु सहयोग किया है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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