प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 28 फरवरी 2018 को स्वास्थ्य और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और जॉर्डन के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
समझौता ज्ञापन में सहयोग के निम्नलिखित क्षेत्र शामिल हैं:
- सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी);
- स्वास्थ्य व्यवस्था सुशासन;
स्वास्थ्य में सेवा और सूचना प्रौद्योगिकी;
- स्वास्थ्य अनुसंधान;
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य सांख्यिकी;
- स्वास्थ्य वित्त और स्वास्थ्य अर्थव्यवस्था;
गंभीर बीमारी पर नियंत्रण;
- तम्बाकू नियंत्रण;
- तपेदिक का निदान, उपचार और औषधि;
- फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों का नियंत्रण; और
- सहयोग का कोई अन्य क्षेत्र जिसे आपस में तय किया गया हो
सहयोग के विवरणों के अधिक विस्तार और समझौता ज्ञापन के कार्यान्वयन का निरीक्षण करने के लिए एक कार्य दल की स्थापना की जाएगी.
भारत-जॉर्डन संबंध
भारत और जॉर्डन के बीच हमेशा सौहार्द एवं सद्भावनापूर्ण संबंध रहे हैं जो परस्पर विश्वास एवं सम्मान पर टिका हुआ है. इन दोनों देशों ने वर्ष 1947 में सहयोग तथा मित्रवत संबंधों के लिए अपने द्विपक्षीय करार पर हस्ताक्षर किये, जिसे इन दोनों देशों के पूर्ण रूपेण राजनयिक संबंधों के स्थापित हो जाने के बाद वर्ष 1950 में औपचारिक रूप प्रदान किया गया. पिछले वर्ष जन दर जन संपर्कों में वृद्धि के लिए बडे पैमाने पर सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ राजनयिक संबंधों की 65वीं वर्षगांठ मनाई गई थी. नवंबर 2014 में भारत सरकार ने जॉर्डन के नागरिकों को ई-टीवी सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया. क्षमता निर्माण के प्रयासों में जॉर्डन की मदद करने के लिए आईसीसीआर के तहत अन्य छात्रवृत्तियों के अलावा 30 आईटीईसी स्लाट उपलब्ध कराए गए हैं. भारत सरकार ने 2016-17 से आईटीईसी स्लाटों की संख्या पुन: बढाकर 50 करने का निर्णय लिया है जैसा कि अक्टूबर 2015 में राष्ट्रपति की जॉर्डन की राजकीय यात्रा के दौरान घोषणा की गई थी.
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