केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 15 दिसम्बर 2017 को केन्द्रीय क्षेत्र की नई योजना ‘पूर्वोत्तर विशेष बुनियादी ढांचा विकास योजना’ (एनईएसआईडीएस) को मंजूरी दे दी. केन्द सरकार की शत-प्रतिशत सहायता के साथ 2017-18 से शुरू करने की भी मंजूरी दे दी.
मार्च 2020 तक विनिर्दिष्ट क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के सृजन से संबंधित अंतरों को भरने के लिए यह योजना शुरू की जा रही है. यह केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित होगा. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई.
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एनईएसआईडीएस की विशेषताएं:
- नई योजना व्यापक तौर पर निम्नलिखित क्षेत्रों के अंतर्गत बुनियादी ढांचे के सृजन को शामिल करेगी.
- शिक्षा और स्वास्थ्य के सामाजिक क्षेत्रों का बुनियादी ढांचा.
- जलापूर्ति, विद्युत, सम्पर्क और विशेषकर पर्यटन को बढ़ावा देने वाली परियोजनाओं से संबंधित भौतिक बुनियादी ढांचा.
एनईएसआईडीएस के लाभ:
एनईएसआईडीएस की नई योजना के अंतर्गत सृजित की जाने वाली परिसम्पत्तियों से न केवल क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा सुविधाएं मजबूत होगी, बल्कि इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. यह योजना आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र के समग्र विकास में उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगी.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 90:10 की निधियन पद्धति वाली मौजूदा नॉन लेप्सेबल सेन्ट्रल पूल ऑफ रिर्सोसेज (एनएलसीपीआर) योजना को 5300 करोड़ रूपये के खर्च के साथ मार्च 2020 तक जारी रखने की मंजूरी दी है. इससे वर्तमान परियोजनाओं को पूरा किया जा सकेगा.
स्रोत (पीआईबी)
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