देश में आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की चार अतिरिक्त बटालियन बनाने की मंजूरी दी है. इस पर 637 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गयी.
अतिरिक्त बटालियन क्यों?
• चार अतिरिक्ति बटालियन बनाने का निर्णय देश के विशाल भौगोलिक क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए लिया गया है जिससे कि आपदाओं के समय राहत बचाव अभियान बेहद कम समय में शुरू किया जा सके.
• इसकी दो बटालियन भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में तथा एक-एक बटालियन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) तथा असम राइफल्स (एआर) में गठित की जायेगी.
• बाद में इन चारों बटालियनों को एनडीआरएफ की बटालियनों में बदला जाएगा.
• इन चारों बटालियनों को जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में तैनात किया जाएगा.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ)
एनडीआरएफ एक विशेषज्ञ बल है जिसका गठन वर्ष 2006 में किया गया था. अभी एनडीआरएफ की 12 बटालियन हैं, जो पूरे देश में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात हैं ताकि जरूरत पड़ने पर कम से कम समय में राहत बचाव अभियान शुरू किया जा सके.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और नागरिक सुरक्षा एक पुलिस बल है जिसका निर्माण ''डिज़ास्टर मैनेज़मेंट एक्ट 2005'' के कानून के तहत किसी आपातकाल या आपदा के समय विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता के साथ संगठित हो कर प्रभावितों और हताहतों के भले के लिए काम करना है. भारत में आपदा प्रबंधन की शीर्ष संस्था राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथोरिटी है जिसका मुखिया प्रधानमंत्री होता है.
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