केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने चमड़ा एवं फुटवियर क्षेत्र में रोजगार सृजन हेतु विशेष पैकेज को मंजूरी दी

केन्‍द्रीय क्षेत्र की इस योजना से चमड़ा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास का मार्ग प्रशस्‍त होगा, चमड़ा क्षेत्र से जुड़ी विशिष्‍ट पर्यावरणीय चिंताएं दूर होंगी, अतिरिक्‍त निवेश में सहूलियत होगी, रोजगार सृजन होगा और उत्‍पादन में वृद्धि होगी.

Dec 18, 2017, 14:10 IST
Cabinet approves special package for leather and footwear sectors
Cabinet approves special package for leather and footwear sectors

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने 15 दिसम्बर 2017 को चमड़ा एवं फुटवियर क्षेत्र में रोजगार सृजन हेतु विशेष पैकेज को मंजूरी दे दी है. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई. इस पैकेज में वर्ष 2017-18 से लेकर वर्ष 2019-20 तक के तीन वित्‍त वर्षों के दौरान 2600 करोड़ रुपये के स्‍वीकृत व्‍यय के साथ ‘भारतीय फुटवियर, चमड़ा एवं सहायक सामान विकास कार्यक्रम’ का कार्यान्‍वयन शामिल है.

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प्रभाव:

  • केन्‍द्रीय क्षेत्र की इस योजना से चमड़ा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास का मार्ग प्रशस्‍त होगा, चमड़ा क्षेत्र से जुड़ी विशिष्‍ट पर्यावरणीय चिंताएं दूर होंगी, अतिरिक्‍त निवेश में सहूलियत होगी, रोजगार सृजन होगा और उत्‍पादन में वृद्धि होगी.
  • ज्‍यादा कर प्रोत्‍साहन मिलने से इस क्षेत्र में व्‍यापक निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा और इस क्षेत्र के सीजनल स्‍वरूप को ध्‍यान में रखते हुए श्रम कानून में सुधार से उत्‍पादन स्‍तर में वृद्धि संभव हो पाएगी.

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  • विशेष पैकेज में तीन वर्षों के दौरान 3.24 लाख नये रोजगारों को सृजित करने की क्षमता है और इससे फुटवियर, चमड़ा एवं सहायक सामान क्षेत्र पर संचयी असर के रूप में दो लाख रोजगारों को औपचारिक स्‍वरूप प्रदान करने में मदद मिलेगी.

भारतीय फुटवियर, चमड़ा एवं सहायक सामान विकास कार्यक्रम:

  •  मानव संसाधन विकास (एचआरडी) उप-योजना: एचआरडी उप-योजना में 15,000 रुपये प्रति व्‍यक्ति की दर से बेरोजगार व्‍यक्तियों को प्‍लेसमेंट से संबद्ध कौशल विकास प्रशिक्षण, 5000 रुपये प्रति कर्मचारी की दर से कार्यरत कामगारों को कौशल उन्‍नयन प्रशिक्षण और प्रति व्‍यक्ति 2 लाख रुपये की दर से प्र‍शिक्षकों को प्रशिक्षण हेतु सहायता देने का प्रस्‍ताव है. इस उप-योजना के तहत 696 करोड़ रुपये के प्रस्‍तावित परिव्‍यय के साथ तीन वर्षों के दौरान 4.32 लाख बेरोजगार व्‍यक्तियों को प्रशिक्षित करने या कौशल प्रदान करने, 75000 मौजूदा कर्मचारियों का कौशल उन्‍नयन करने और 150 मुख्‍य प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने का प्रस्‍ताव है.
  • चमड़ा क्षेत्र के एकीकृत विकास (आईडीएलएस) की उप-योजना: इस उप-योजना के तहत 425 करोड़ रुपये के प्रस्‍तावित परिव्‍यय के साथ 3 वर्षों के दौरान चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान और कलपुर्जा क्षेत्र की 1000 इकाइयों को प्रोत्‍साहन देने का प्रस्‍ताव है.
  • संस्‍थागत सुविधाओं की स्‍थापना की उप-योजना: इस उप-योजना के तहत तीन वर्षों के दौरान 147 करोड़ रुपये के प्रस्‍तावित परिव्‍यय के साथ फुटवियर डिजाइन एवं विकास संस्‍थान (एफडीडीआई) के कुछ मौजूदा परिसरों का उन्‍नयन करके उन्‍हें ‘उत्‍कृष्‍टता केंद्रों’ में तब्‍दील करने का प्रस्‍ताव है.
  • मेगा चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान क्‍लस्‍टर (एमएलएफएसी) उप-योजना: एमएलएफएसी उप-योजना का उद्देश्‍य मेगा चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान क्‍लस्‍टर की स्‍थापना करके चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान क्षेत्र को बुनियादी ढांचागत सहायता प्रदान करना है. उपयुक्‍त परियोजना लागत के 50 प्रतिशत तक श्रेणीबद्ध सहायता देने का प्रस्‍ताव है.
  • चमड़ा प्रौद्योगिकी, नवाचार एवं पर्यावरणीय मुद्दों से जुड़ी उप-योजना: इस उप-योजना के तहत राष्‍ट्रीय स्‍तर की क्षेत्रवार उद्योग परिषद या संघ को सहायता देने के साथ-साथ चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान क्षेत्र के लिए विजन दस्‍तावेज तैयार करने हेतु भी मदद दी जाएगी. इस उप-योजना हेतु तीन वर्षों के लिए प्रस्‍तावित परिव्‍यय 782 करोड़ रुपये है.
  • चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान क्षेत्र में भारतीय ब्रांडों को प्रोत्‍साहन देने की उप-योजना: इस उप-योजना के तहत ब्रांड के संवर्धन के लिए स्‍वीकृत पात्र इकाइयों को सहायता देने का प्रस्‍ताव है. इस उप-योजना के तहत 90 करोड़ रुपये के प्रस्‍तावित परिव्‍यय के साथ 3 वर्षों के दौरान अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में 10 भारतीय ब्रांडों का संवर्धन करने का प्रस्‍ताव है.
  • चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान क्षेत्र के लिए अतिरिक्‍त रोजगार प्रोत्‍साहन की उप-योजना: यह उप-योजना 15000 रुपये तक का वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए मान्‍य होगी. 100 करोड़ रुपये के प्रस्‍तावित परिव्‍यय से संबंधित क्षेत्रों में लगभग 2,00,000 रोजगारों को औपचारिक करने में मदद मिलेगी.
  • निश्चित अवधि के रोजगार की शुरुआत: विश्‍व भर से व्‍यापक निवेश आकर्षित करने हेतु औद्योगिक रोजगार (स्‍थायी आदेश) अधिनियम, 1946 की धारा 15 की उप धारा (1) के तहत निश्चित अवधि वाले रोजगार की शुरुआत करके श्रम संबंधी मुद्दों के नियामकीय ढांचे को दुरुस्‍त करने का प्रस्‍ताव है.

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स्रोत (पीआईबी)

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