केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 07 मई 2018 को भारत और कुवैत के बीच संशोधित दोहरे कराधान बचाव संधि (डीटीएए) को अधिसूचित कर दिया है.
उद्देश्य |
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सीबीडीटी के अनुसार, जून 2006 में दोहरे कराधान से बचने के लिए भारत और कुवैत के बीच मौजूदा समझौते में संशोधन करने के लिए प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए थे.
सीबीडीटी द्वारा यह प्रोटोकॉल 26 मार्च 2018 को लागू हुआ था, और आधिकारिक राजपत्र में विधिवत अधिसूचित किया गया है.
आय पर करों के संबंध में राजकोषीय चोरी की रोकथाम के लिए जनवरी 2017 में एक और प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए थे.
दोहरे कराधान बचाव संधि (डीटीएए):
- दोहरा कराधान का संदर्भ ऐसी स्थिति से है जहाँ एक ही आय एक ही कंपनी या व्यष्टि (करदाता) के हाथों में एक से अधिक देश में कर योग्य हो जाती है.
- दोहरे कराधान से बचाव की संधि दो या अधिक देशों के बीच हस्ताक्षरित एक कर संधि है, जिसका मुख्य उद्देश्य इन देशों में करदाताओं को समान आय पर दो बार कर लगाने से बचाना है.
- यह उन मामलों में लागू होता है जहाँ करदाता का आवास और धनोपार्जन का स्थान दोनों अलग-अलग देशों में हो.
- भारत का 80 से अधिक देशों के साथ दोहरे कराधान से बचाव की संधि है.
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