केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मार्च 2019 में 18 अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौतों (एपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं. इनमें 3 द्विपक्षीय अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौते (बीएपीए) भी शामिल हैं.
इन एपीए पर हस्ताक्षर किए जाने के साथ ही वित्त वर्ष 2018-19 में सीबीडीटी द्वारा किए गए एपीए की कुल संख्या बढ़कर 52 हो गई है, जिनमें 11 बीएपीए शामिल हैं. सीबीडीटी द्वारा किए गए एपीए की संख्या अब कुल मिलाकर 271 हो गई है, जिनमें अन्य के अलावा 31 बीएपीए शामिल हैं.
एपीए पर हस्ताक्षर:
• अनुबंध पर विनिर्माण
• सॉफ्टवेयर विकास सेवाओं का प्रावधान
• बैक ऑफिस इंजीनियरिंग सपोर्ट सेवा
• बैक ऑफिस (आईटीईएस) सपोर्ट सेवाओं का प्रावधान
• विपणन सहायक सेवाओं का प्रावधान
• प्रौद्योगिकी एवं ब्रांड के उपयोग के लिए रॉयल्टी का भुगतान
• व्यापार (ट्रेडिंग)
• ब्याज का भुगतान
मार्च 2019 के दौरान किए गए बीएपीए और एकपक्षीय अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौते (यूएपीए) अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों (सेक्टर) एवं उप-क्षेत्रों से संबंधित हैं, जिनमें घर्षण-रोधी बियरिंग, जोखिम प्रबंधन सॉल्यूशंस प्लेटफॉर्म, बीपीओ, आईटी/आईटीईएस, एटीएम, औद्योगिक एवं संस्थागत साफ-सफाई एवं स्वच्छता उत्पाद इत्यादि शामिल हैं.
मार्च 2019 के दौरान बीएपीए ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, अमेरिका के साथ किए गए. इन समझौतों के तहत अंतरराष्ट्रीय लेन-देन में रॉयल्टी शुल्क का भुगतान, कारोबार सहायता सेवाओं का प्रावधान, कॉरपोरेट गारंटी का प्रावधान, ठेके पर विनिर्माण, विपणन सहायता सेवाओं का प्रावधान, आईटी आधारित सेवाओं का प्रावधान, निवेश परामर्श सेवाओं का प्रावधान, तकनीकी सेवाओं का उपयोग करना इत्यादि शामिल हैं.
क्या है अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौता (एपीए)?
• अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौता (एपीए) आमतौर पर एक करदाता और कम से कम एक टैक्स प्राधिकरण के बीच ऐसा अनुबंध है, जो परस्पर संबंधित कंपनियों के बीच लेन-देन के लिये मूल्य-निर्धारण विधि को पहले से ही तय करता है.
• एपीए योजना की प्रगति से गैर-प्रतिकूल यानी अनुकूल कर व्यवस्था को बढ़ावा देने संबंधी सरकार का दृढ़ संकल्प और मजबूत होता है। भारतीय एपीए कार्यक्रम की देश-विदेश में सराहना की गई है, क्योंकि यह ट्रांसफर प्राइसिंग से जुड़े जटिल मसलों को निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से सुलझाने में सक्षम है
• भारत में एपीए योजना वर्ष 2012 में आय–कर अधिनियम, 1961 में शामिल किया गया था और रोलबैक का प्रावधान 2014 में शामिल किया गया.
• इस समझौते के तहत किसी अनिश्चितता से बचने के लिये, आर्म्स-लेंथ प्राइस के सिद्धांत का प्रयोग किया जाता है.
• एपीए योजना की प्रगति को केंद्र सरकार के गैर– विरोधात्मक कर व्यवस्था को बढ़ावा देने के संकल्प को मजबूत बनाने के रूप में देखा जा रहा है.
• अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौता (एपीए) द्विपक्षीय अथवा एकपक्षीय दोनों हो सकते हैं.
• योजना का उद्देश्य मूल्य निर्धारण के तरीकों को निर्दिष्ट कर और अग्रिम में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के मूल्य को निर्धारित कर ट्रांसफर प्राइसिंग (मूल्य निर्धारण हस्तांतरण) के क्षेत्र में करदाताओं को निश्चितता प्रदान करना है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी):
भारत में प्रत्यक्ष कर से संबंधित सभी मामले 1 जनवरी 1964 से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को सौंप दिए गए और इसे राजस्व बोर्ड अधिनियम 1963 से अधिकार प्राप्त है. सीबीडीटी वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग का एक हिस्सा है. सीबीडीटी भारत में प्रत्यक्ष कर की नीतियों और योजनाओं के लिए आवश्यक निविष्टियां प्रदान करता है. सीबीडीटी के अध्यक्ष और सदस्यों का चयन भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस), भारत की प्रमुख सिविल सर्विस, से की जाती है.
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