केंद्र सरकार ने ई-वे बिल सम्बन्धी अधिसूचना जारी कर दी है. ई-वे बिल को प्रयोग में लाए जाने की तिथि के सम्बन्ध में सरकार द्वारा अलग से नोटिफिकेशन जारी की जाएगी. सरकार ने सब्जियों, फ्रूट्स, अनाज, मीट, ब्रेड, दही, किताबें और ज्वैलरी को ई-वे बिल से छूट प्रदान की है.
इन प्रोडक्ट के ट्रांसपोर्टेशन के लिए सरकार को कोई भी डिटेल ई-वे बिल के माध्यम से नहीं देनी पड़ेगी. सरकार ने नोटिफिकेशन के साथ जीएसटी में गुड्स के ट्रांसपोर्ट का फाइनल फ्रेमवर्क भी तय कर दिया.
ई-वे बिल से बाहर उत्पाद-
ई-वे बिल से कॉन्ट्रासेप्टिव, ज्युडिशियल और नॉन ज्युडिशियल स्टैंप पेपर, न्यूजपेपर, खादी, रॉ सिल्क, इंडियन फ्लैग, ह्युमन हेयर, काजल, दिये, चेक, म्युनसिपल वेस्ट, पूजा सामग्री, एलपीजी, किरोसिन, हीटिंग एड्स और करेंसी को ई-वे बिल से बाहर रखा गया है.
ई-वे बिल आवश्यक नहीं-
ई-वे बिल की जरूरत नॉन-मोटर कनवेंस, पोर्ट से ट्रांसपोर्ट होने वाले गुड्स, एयरपोर्ट, एयर कार्गो कॉम्पलेक्स और लैंड कस्टम स्टेशन के लिए जाने वाले और आने वाले गुड्स पर नहीं होगी.
यहां आवश्यक ई-वे बिल-
मल्टीपल कन्साइनमेंट के लिए ट्रांसपोटर्स को कंसॉलिडेट ई-वे बिल बनवाना होगा. अगर गुड्स को एक व्हीकल से दूसरे में ट्रांसफर करना है तो ई-वे बिल की जरूरत पड़ेगी.
ई-वे बिल के बारे में-
- ई-वे बिल रजिस्टर सप्लायर, बायर और ट्रांसपोटर्स जनरेट करेगा.
- ई-वे बिल एसएमस के लिए बनाया और कैंसल कराया जा सकता है
- ई-वे बिल के तहत 50,000 रुपए से अधिक की धनराशि के उत्पाद की राज्य या राज्य से बाहर ट्रांसपोर्टेशन या डिलीवरी के लिए सरकार को पहले ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए बताना आवश्यक होगा.
- इसके तहत ई-वे बिल जनरेट करना होगा जो 1 से 15 दिन तक मान्य होगा.
- यह मान्यता प्रोडक्ट ले जाने की दूरी के आधार पर तय की जाएगी. उदाहरन के लिए 100 किलोमीटर तक की दूरी के लिए 1 दिन का ई-बिल बनेगा, जबकि 1,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए 15 दिन का ई-बिल बनाना होगा.
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