
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे.पी.नड्डा ने केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली, (हिमाचल प्रदेश) में डीपीटी और टीटी के टीकों के उत्पादन के लिए केंद्र सरकार की अपने किस्म की पहली करंट गुड मैन्युीफैक्चरिंग प्रेक्टिस (सीजीएमपी) अनुवर्ती सुविधा का 24 अप्रैल 2016 को उद्घाटन किया.
उपरोक्त के साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सीडीएससीओ के संभागीय कार्यालय का कंटेनर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया भवन, बद्दी से कार्य करने की घोषणा की. इससे हिमाचल प्रदेश की दवाई कंपनियों को मदद मिलेगी तथा हिमाचल प्रदेश, पंजाब व हरियाणा के निर्यातकों को अनापत्ति प्रमाण पत्र और मंजूरी प्राप्त करने में आसानी रहेगी. यह कार्यालय एक सप्ताह में काम करना शुरू कर देगा.
विदित हो कि सीआरआई टीका निर्माण करने के क्षेत्र में कुछ अग्रणीय संस्थानों में से एक है जो अगले महीने में अपना 111वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है. संस्थान में जपानी इंसेफलाइटिस टीका, रैबिज टीके और टाइफाइड टीको का उत्पादन करने की योजना बनाई है. इजीएमपी अनुवर्ती सुविधाएं और नवीन प्रौद्योगिकी की प्रगति के अनुप्रयोग की स्थापना के बाद संस्थान ने ऐसा करने की योजना बनाई है. संस्थान की मौजूदा और उभरते रोगों के लिए नए टीकों पर अनुसंधान करने की भी योजना है. इनके अलावा अपने विस्तार योजनाओं के एक हिस्से के रूप में सीआरआई थिरेपैटिक एंटीसिरा के उत्पादन के लिए इजीएमपी अनुवर्ती सुविधाओं के सृजन के लिए हिमाचल प्रदेश से 128 बिघा जमीन प्राप्त करने की प्रक्रिया में है. इस पहल से संस्थान की उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी होगी और संस्थान इन जीवन रक्षक एंटीसिरा की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने में समर्थ होने के साथ-साथ देश के युवाओं को रोजगार के अवसर जुटाने में भी योगदान देगा.
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